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उत्तराखंड के “अपणि सरकार” पोर्टल को मिली राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

सूचना प्रौद्योगिकी सचिव ने मुख्यमंत्री को भेंट किए नेशनल ई गवर्नेंस अवार्ड 2023 और रजक पदक

देहरादून। सूचना प्रौद्योगिकी सचिव शैलेश बगोली एवं आई.टी.डी.ए. निदेशक नीतिका खण्डेलवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को इंदौर में आयोजित 26वीं ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में अपणि सरकार पोर्टल को हासिल नेशनल ई-गवर्नेंस अवॉर्ड-2023 तथा रजत पदक और ट्रॉफी भेंट किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, आम नागरिकों को जन केन्द्रित सेवाएं प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों से कस्बों/जनपद में आना पड़ता था। इसका ध्यान रखते हुए, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) को एक एकीकृत पोर्टल “अपणि सरकार“ को विकसित करने का लक्ष्य दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, इस पोर्टल से नागरिकों और अधिकारियों को मूल्यवान सुझाव प्रदान करने के साथ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाने में मदद मिल रही है। राज्य सरकार के अपणि सरकार ई-पोर्टल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना हम सबके लिए सम्मान की बात है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, अपर निदेशक गिरीश गुणवंत, संयुक्त निदेशक राम स्वरूप उनियाल आदि उपस्थित थे।

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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