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आज भी खूब पसंद की जाती हैं बनारसी साडियां

मशहूर बनारसी साड़ियों का चलन आज भी महिलाओं के बीच पसंदीदा पहनावे के रूप में मौजूद है। खासतौर पर शादियों के सीजन में इन साड़ियों की मांग बढ़ जाती है। अब भी बनारसी साड़िया पुराने जमाने का शौक मात्र नही हैं। आधुनिक युवतियां एवं महिलाएं भी इनका खूब इस्तेमाल करती हैं। अभी तक बनारसी साड़ियों का क्रेज बरकार है और आप चाहें तो किसी शादी-पार्टी में बनारसी साड़ी पहन सकती हैं। लेकिन उससे पहले इसके रंग का संयोजन और पहनने के तरीके पर खास ध्यान देना चाहिए ताकि आप खूबसूरती में चार चांद लग जाय और स्टाइलिश दिखें। यदि मौजूदा चलन की बात करें तो आप घनी कढ़ाई वाली बिना बॉर्डर की बनारसी साड़ी पहन सकती हैं। जहां तक रंगों की बात है तो डीप पिंक, क्रीम या ऑफ वाइट, गोल्डन और पेस्टल कलर की बनारसी साड़ियां इन दिनों फैशन में हैं।
यदि आप चाहें तो सामान्य तरीके से साड़ी पहनने की बजाए बंगाली स्टाइल में बनारसी साड़ी पहन सकती हैं। इससे साड़ी पर की गई घनी कढ़ाई आपकी सुंदरता को बढ़ाने का काम करेगी। अपनी बनारसी साड़ी के लुक को और निखारने के लिए टेंपल ज्वेलरी पहनें। यह निश्चित तौर पर आपकी खूबसूरती को निखारने का काम करेगी।
शादी के अलावा दूसरे समारोहों जैसे मेंहदी या हल्दी के दौरान आप बंधेज के हल्के पुट के साथ नीली, हरी या सुनहरी रंग की मीनाकारी के काम वाली वाली साड़ी पहन सकती हैं। बनारसी साड़ी सदाबहार है। यह दिखती है हेवी है लेकिन इसे हर मौसम में पहना जा सकता है। इसलिए गर्मी के मौसम में भी शादियों के दौरान बनारसी साड़ी पहनना आरामदायक एवं उपयुक्त रहेगा।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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