टिहरी गढ़वाल में सेममुखेम नागराजा मंदिर में सुविधाओं से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
दो से तीन किमी खड़ी चढ़ाई पर रास्ता बना है उबड़-खाबड़, श्रद्धालुओं को होती है परेशानी
श्रीनगर। मनमोहन सिंधवाल
उत्तराखंड के टिहरी जिले में स्थित सेममुखेम नागराजा मंदिर, क्षेत्र के पांचवें धाम के रूप में प्रसिद्ध है। हालाँकि, इस धार्मिक स्थल को उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर तक पहुँचने के लिए खड़ी पैदल चढ़ाई का रास्ता खराब स्थिति में है, और यहां आवश्यक सुविधाओं का अभाव है।
टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के उपली रमोली पट्टी में स्थित सेममुखेम नागराजा मंदिर, सेममुखेम में भगवान श्रीकृष्ण को शेषनाग के अवतार के रूप में पूजा जाता है।
पौराणिक महत्व:
द्वापर युग में, भगवान श्रीकृष्ण अपनी यात्रा के दौरान सेममुखेम आए थे। उन्हें यह स्थान पसंद आया और उन्होंने यहां के राजा गंगू रमोला से एक जगह मांगी। राजा ने मना कर दिया, जिससे भगवान नाराज हो गए और राजा की गायों और भैंसों को पत्थर बना दिया। अंततः, राजा ने भगवान श्री कृष्ण को जगह देने पर सहमति दी, और आज भी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के नागराजा स्वरूप की पूजा की जाती है।
मंदिर का खराब रास्ता, श्रद्धालुओं को दिक्कतें
मंदिर तक पहुँचने के लिए ढाई किमी की खड़ी चढ़ाई का रास्ता खराब स्थिति में है। यहां शौचालय या अन्य आवश्यक सुविधाओं का अभाव है, जिससे तीर्थयात्रियों को असुविधा होती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर को चारधाम की तर्ज पर विकसित किया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग यहां आ सकें।
बढ़ेंगे रोजगाार के अवसर:
स्थानीय लोगों का कहना है, मंदिर क्षेत्र में विकास कार्यों से स्थानीय लोगों को लाभ होगा। तीर्थाटन एवं पर्यटन बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह एक महत्वपूर्ण स्थल है और इसे विकसित किया जाना चाहिए।
क्या कहते हैं श्रद्धालु
श्रीनगर से आए श्रद्धालु सुरेंद्र सिंह भंडारी और विपेन्द्र बिष्ट का कहना है, पर्यटन और संस्कृति विभाग को सेममुखेम नागराजा मंदिर के विकास पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस मंदिर को चारधाम की तर्ज पर विकसित किया जाए। रोपवे या ढंका हुआ रास्ता बनाने से महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को यात्रा करने में आसानी होगी और यहां श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी। वर्तमान में, पैदल मार्ग की स्थिति बहुत खराब है और घोड़ों और खच्चरों के लिए भी यात्रा कठिन है।
पंडित सविंदर प्रकाश वशिष्ठ का कहना है कि मंदिर तक जाने वाले मार्ग सहित कई सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने मांग की कि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को मंदिर तक लाने के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि पैदल मार्ग पर लगी स्ट्रीट लाइटें शरारती तत्वों ने तोड़ी हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की कि इस धार्मिक स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
वहीं, टिहरी प्रधान संगठन के जिला सचिव चन्द्रशेखर पैन्यूली ने कहा कि सेममुखेम नागराजा मंदिर को पांचवां धाम बनाया गया है, लेकिन यहां की सुविधाएं अपर्याप्त हैं। उन्होंने प्रशासन और पर्यटन विभाग से मंदिर को चारधाम की तर्ज पर विकसित करने की अपील की है।
निष्कर्ष:
सेममुखेम नागराजा मंदिर का विकास न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ाएगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यस्था को भी मजबूत करेगा। प्रशासन को तत्काल इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।