केदारघाटी में फंसे सभी यात्रियों का रेस्क्यू आपरेशन पूरा, कल से उड़ान भरेंगे हेलीकॉप्टर
देहरादून। न्यूज लाइव ब्यूरो
केदारघाटी में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार को पूरा हो गया। सरकार के अनुसार, 15 हजार से अधिक यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को हवाई तथा पैदल मार्गों से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमारा प्रयास है कि केदारघाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हों।
31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर क्षतिग्रस्त मार्ग के कारण हजारों की संख्या में यात्री फंस गए थे। उनको सकुशल रेस्क्यू करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं रेस्क्यू ऑपरेशन की सतत निगरानी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 जुलाई को जैसे ही यह घटना घटित हुई, उन्होंने भारत सरकार से यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। भारत सरकार ने तुरंत चिनूक तथा एमआई-17 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू अभियान के लिए उपलब्ध कराए। उन्होंने इस रेस्क्यू अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह के सहयोग के लिए उनका आभार जताया।
इसके अलावा 05 स्टेट हेलीकॉप्टरों के माध्यम से भी सैकड़ों यात्रियों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि केदारघाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हों और बाबा केदार के भक्त एक बार फिर दर्शन के लिए पहुंचे। विभाग जल्द कार्य पूरा कर सकें, इसके लिए अधिप्राप्ति नियमावली में छूट प्रदान की गई है। राहत और निर्माण कार्यों के लिए धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। कहीं पर कोई कार्य करने में छूट चाहिए तो वह भी तत्काल दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं सभी निर्माण कार्यों की निगरानी करेंगे।
रेस्क्यू अभियान में शामिल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस, डीडीआरएफ, जिला प्रशासन, जीएमवीएन, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग, पेयजल विभाग तथा अन्य रेखीय विभागों के कर्मचारियों ने आपसी समन्वय स्थापित करते हुए खोज एवं बचाव कार्यों को त्वरित गति से अंजाम दिया। यही कारण है कि इतनी बड़ी आपदा आने के बावजूद इतने कम समय में हजारों यात्रियों का सकुशल रेस्क्यू करना अपने आप में सराहनीय कार्य है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बुधवार यानी 7 अगस्त से श्री केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं प्रारंभ हो जाएंगी। जो भी श्रद्धालु हेली सेवा के जरिए बाबा केदार के दर्शन के लिए आएंगे, उन्हें व्यवस्थाएं दुरुस्त होने तक सीमित समय के लिए किराए में कतिपय शर्तों एवं प्रतिबंधों के साथ 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। इसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि सात दिन में पैदल मार्ग से भी केदारनाथ यात्रा सुचारू हो जाएगी। चौमासी से भैरव मंदिर तक के मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में बनाने का कार्य भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर तथा सोनप्रयाग में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान कठिन परिस्थितियों में प्रशासन और सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर रेस्क्यू अभियान में योगदान देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। वहीं चौमासी प्रधान मुलायम सिंह सहित रुद्रप्रयाग प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुभाष रावत, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी सहित राहत कार्यों में सहयोग देने वाले अन्य लोगों का विशेष धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रभावितों की सारी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।
इस पूरे रेस्क्यू अभियान में स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री के समक्ष जिलाधिकारी सौरभ गहरवार की भूमिका की जमकर तारीफ की। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिलाधिकारी और उनकी टीम द्वारा विषम परिस्थितियों में भी राहत और बचाव कार्य बेहतरीन ढ़ंग से संचालित किए गए। जिलाधिकारी ने 18-18 घंटे लगातार कार्य किया।
स्थानीय लोगों ने पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के योगदान की भी सराहना की। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस बल ने भारी बारिश के चलते यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को खतरे से बचाया जा सका। पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे की नेतृत्व कुशलता और उनके प्लानिंग की भी स्थानीय लोगों ने खूब प्रशंसा की।
रिकार्ड समय में बेली ब्रिज बनाने को लेकर जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित की भी लोगों ने मुख्यमंत्री के समक्ष खूब प्रशंसा की। 31 जुलाई को टिहरी में अतिवृष्टि के कारण चिरबटिया-तिलवाड़ा मोटर मार्ग में मुयालगांव में पुल बह गया था। जिलाधिकारी टिहरी द्वारा उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए एक सप्ताह के भीतर 18 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण पूरा कराया गया।