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उत्तराखंड चारधाम यात्रा में एम्स की ड्रोन मेडिकल सेवा

AIIMS Rishikesh में प्रदेशभर के चिकित्सकों के साथ कार्यशाला आयोजित की गई

ऋषिकेश। न्यूज लाइव

इस बार उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में एम्स की ड्रोन मेडिकल सेवा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। इसके लिए एम्स में प्रदेशभर के चिकित्सकों के साथ कार्यशाला आयोजित की गई। चिकित्सकों के सुझावों के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

बीते फरवरी एम्स ऋषिकेश ने नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू की थी, जिसके तहत जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में दवाइयां व ब्लड कंपोनेंट आदि भेजकर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध की जा रही हैं। अब तक चंबा, न्यू टिहरी, हिंडोलाखाल, यमकेश्वर आदि स्थानों पर उक्त सेवा से दवाइयां भेजी गई हैं।

अब एम्स जल्द ही हरिद्वार, रुड़की व नरेंद्रनगर के लिए भी उक्त सेवा शुरू करने जा रहा है।

ड्रोन सेवा को और अधिक प्रभावशाली बनाए जाने के लिए शनिवार को एम्स ऑडिटोरियम में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल प्रो. अतुल कोतवाल व एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने किया।

कार्यशाला में प्रदेशभर से 48 चिकित्सक व 47 स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रतिभाग किया।

कार्यशाला में चारधाम यात्रा के दौरान ड्रोन तकनीक के बेहतर उपयोग पर भी चर्चा की गई। कार्यशाला संयोजक व ड्रोन मेडिकल सेवा के नोडल डा. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान पैदल यात्रियों के दुर्घटना से ग्रसित होने या अन्य परिस्थितियों पर मॉनिटरिंग के लिए भी ड्रोन का उपयोग किया जाएगा।

साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटना होने पर रेस्क्यू टीम के पहुंचने से पहले घटनास्थल की स्थिति का आकलन ड्रोन से कर चिकित्सकों से संवाद स्थापित किया जाएगा।

डा. जितेंद्र ने बताया कि कार्यशाला में पांच सत्र आयोजित किए गए, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपने क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक के बेहतर प्रयोग के लिए सुझाव दिए।

कार्यशाला के दौरान एक सत्र में चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को ड्रोन उड़ाकर भी दिखाया गया।

कार्यशाला में डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रो. शैलेन्द्र हांडू, कार्यशाला के संयोजक डॉ. जितेंद्र गैरोला, ड्रोन पायलट ममता रतूड़ी, ऋषभ कोठियाल, शिवानी भट्ट, अखिलेश कुमार, शिवाशीष डोभाल व टेक ईगल के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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