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चारधाम यात्रा: उत्तराखंड के मेडिकल ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दे रहा एम्स ऋषिकेश

उत्तराखंड राज्य के 150 चिकित्सकों को दी जा रही चारधाम यात्रा के लिए ट्रेनिंग

ऋषिकेश। न्यूज लाइव

उत्तराखंड राज्य सरकार और विश फाउंडेशन की संयुक्त पहल पर चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं के लिए एम्स की ट्रामा एवं इमरजेंसी मेडिसिन की टीम राज्य के 150 मेडिकल ऑफिसर्स को कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का प्रशिक्षण दे रही है।

चिकित्सकों के प्रशिक्षण के अलावा एम्स ऋषिकेश के नर्सिंग प्रोफेशनल्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य सभी हेल्थ वर्कर्स को भी चारधाम यात्रा के मद्देनजर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने को तैयार किया जा रहा है।

संस्थान में चिकित्सकों के प्रशिक्षण कार्यशाला के औपचारिक शुभारंभ पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने से संबंधित चुनौतियों के निवारण के लिए इस ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है। ट्रेनिंग का उद्देश्य चार धाम यात्रा के दौरान गंभीर रूप से अस्वस्थ होने वाले तीर्थयात्रियों की मृत्यु दर को कम करना एवं यात्रियों को चार धाम यात्रा मार्ग पर ही उच्च गुणवत्तापरक चिकित्सा सेवा प्रदान करना है।

प्रशिक्षण के कोर्स डायरेक्टर एवं एम्स के ट्रामा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि पिछले वर्ष से एम्स इस प्रशिक्षण में राज्य सरकार का सहयोग कर रहा है। गत वर्ष के आंकड़ों के आंकलन के बाद इस साल और बेहतर योजना तैयार की गई है।

डॉ. मधुर उनियाल इस कार्यक्रम के तहत निकट भविष्य में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान बेहतर स्वस्थ सेवाएं मुहैया कराने के साथ साथ किसी भी आपात परिस्थिति में एक बेहतर मेडिकल ऑफिसर्स और हेल्थ वर्कर्स की टीम का भी निर्माण होगा। जिसके लिए एम्स ऋषिकेश की ट्रॉमा टीम एवं इमरजेंसी मेडिसिन की टीम मिलकर प्रशिक्षण दे रही है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी मेडिसिन की टीम का नेतृत्व डॉ. निधि कैले कर रहे हैं।।

उद्घाटन अवसर पर संस्थान के उपनिदेशक( प्रशासन) ले. कर्नल अमित पाराशर, ट्रॉमा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) क़मर आजम, चारधाम यात्रा प्रशिक्षण कार्यक्रम, एम्स के नोडल ऑफिसर डॉ. मधुर उनियाल, इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. निधि कैले, डॉ. भास्कर सरकार, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. गिरीश कुमार, प्रोफेसर निशिथ गोविल आदि ने विचार व्यक्त किए।

प्रशिक्षण कार्यशाला में डॉ. शांतम पोखरियाल, डॉ. आदित्य चौधरी, डॉ. पुष्पेंद्र कौशिक, नर्सिंग प्रोफेशनल्स ए.एन.एस ट्रॉमा सेंटर महेश देवस्थले, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर अखिलेश उनियाल, शशिकांत, दीपिका कांडपाल, दिनेश लुहार, वने पाल, गुलशन कुमार, स्टाफ मेंबर शुभम, शूरवीर सिंह कलूड़ा आदि मौजूद थे।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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