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Silkyara Tunnel में फंसे श्रमिकों को शीघ्र सुरक्षित बाहर निकालने की उम्मीदें बढ़ीं

मैनुअली डिगिंग शुरू, शीघ्र ही सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगाः सीएम

Uttarakashi: सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू (Rescue) की उम्मीदें बढ़ी हैं। प्रशासन सड़कों को दुरुस्त कर रहा है। इन्हीं सड़कों के माध्यम से श्रमिकों को रेस्क्यू के बाद अस्पताल या उनके आवास के लिए ले जाया जाएगा।

सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन के हेड को निकालने का कार्य पूरा कर लिया गया था। अब मैनुअली काम करते हुए पाइप को कुल 55.3 मीटर पुश कर लिया गया है। अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (NHIDCL) महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक 44 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है और आगे का कार्य भी तेज़ी से किया जा रहा है। इस दौरान सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी भी मौजूद रहे।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी से सुरंग में फंसे श्रमिकों का हालचाल जाना एवं ड्रिलिंग के संबंध में जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि अंदर फंसे श्रमिकों के साथ-साथ राहत एवं बचाव कार्य में जुटे लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यमंत्री ने बताया कि मैनुअली डिगिंग शुरू कर दी गई है।

अब तक कुल 52 मीटर पाइप को पुश कर लिया गया है। यदि कोई बड़ी अड़चन नहीं आई तो शीघ्र ही सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि अंदर फंसे सभी श्रमिकों को नियमित रूप से गुणवत्ता पूर्ण भोजन भेजा जा रहा है। सभी श्रमिकों से निरंतर डॉक्टर एवं मनोचिकित्सकों से भी संवाद करवाया जा रहा है। अंदर फंसे श्रमिकों की उनके परिजनों से भी निरंतर बात करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एसडीआरफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के अतिरिक्त बीएसएनएल द्वारा भी टेलिफोनिक कम्युनिकेशन सेटअप को स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि फंसे श्रमिकों को निकाले जाने के उपरांत की सभी तैयारियां भी पूर्ण कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ मौके पर तैनात है। डॉक्टरों की टीम भी मौके पर मौजूद है। सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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