उत्तराखंडः Unused जमीन पर मंडुआ, झंगोरा के बड़े स्तर पर उत्पादन की योजना
मुख्य सचिव ने झंगोरा तथा चौलाई की MSP के लिए Input Cost का अध्ययन करने के निर्देश दिए
देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कृषि एवं उद्यान विभाग को प्रदेश में अनुपयोगी (Unused) घाटियों एवं जमीनों को चिहिन्त कर उनमें मंडुआ, झंगोरा एवं चौलाई के बड़े स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र विस्तार की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंडुआ, झंगोरा व चौलाई का उत्पादन बढ़ाने तथा Supply Chain को बेहतर करने के सम्बन्ध में विधानसभा भवन में House of Himalayas तथा Millet Mission की बैठक में यह निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। मुख्य सचिव ने झंगोरा तथा चौलाई की MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाने के लिए Input Cost (लागत मूल्य) का अध्ययन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्य सचिव ने विधानसभा, सचिवालय, सहित GMVN, KMVN आदि सभी सरकारी भवनों एवं संस्थानों में परोसे जाने वाले खाद्य उत्पादों में मिलेट्स मंडुआ, झंगोरा आदि का उपयोग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सीएस ने महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य विकास हेतु मंडुआ, झंगोरा, चौलाई जैसे स्थानीय मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में एएनएम, आशा वर्कर्स तथा आंगनबाड़ी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, वी बी आर सी पुरूषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, चन्द्रेश कुमार, अरविन्द सिंह ह्यांकी, अपर सचिव मनुज गोयल तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।