हनुमान जी अपने नाम के अनुरूप ही अपने भक्तों के संकटों को दूर करते हैं। आस्था और सच्ची भक्ति के आगे स्वयं भगवान भी नतमस्तक हो जाते हैं और अपने प्रिय भक्त को संसार का हर सुख देने के लिए आतुर रहते हैं। महाबली हनुमान जी की भक्ति भी ऐसी ही है। तभी तो प्रभु श्री राम ने उन्हें भक्त शिरोमणि बना दिया।
पवन पुत्र हनुमान जी की लीलाएं बालपन से ही शुरू हो गई थीं, इसलिए कई जगहों पर इन्हें बालाजी के नाम से पूजा जाता है। मेहंदीपुर में भी महाबली हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं। मान्यता है कि मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करते ही इंसान के सभी प्रकार के संकट टलने लगते हैं। जो भी मेहंदीपुर धाम जाता है, वह अपने सभी दुख, अपनी सारी विपत्तियां वहीं श्री बालाजी के चरणों में छोड़ आता है।
मेहंदीपुर में बालाजी की सत्ता चलती है। यहां आकर जिसने श्री बालाजी का आशीर्वाद पा लिया उसके मन की हर कामना का भार स्वयं बालाजी महाराज उठाते हैं। तभी तो जो भक्त एक बार मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कर लेता है वो बार-बार मेहंदीपुर जाने को आतुर रहता है। मेहंदीपुर बालाजी धाम में हनुमान जी के बाल रूप का अति मनमोहक और अलौकिक दर्शन होता है। पढ़ें- रात में हनुमान जी की पूजा करने पर बनेंगे बिगड़े काम
यहां श्री बाला जी महाराज के भवन के ठीक सामने सीताराम जी का दरबार सजता है, जिसे देखकर लगता है कि जैसे बाला जी महाराज अपने प्रभु के निरंतर दर्शन से प्रसन्न हो रहे हैं और मां सीता के साथ ही प्रभु श्रीराम भी अपने सबसे प्रिय भक्त को देखकर मुस्कुरा रहे हैं। पढ़ें- इस उपाय से नहीं होगी धन की कमी
मेहंदीपुर में केवल बालाजी के दर्शन नहीं होते। इनके साथ श्री भैरव बाबा और श्री प्रेतराज सरकार के भी साक्षात दर्शन होते हैं। इसीलिए कुछ भक्त इन्हें त्रिदेवों का धाम भी कहते हैं। मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में जो भी इंसान सच्चे मन और भक्ति भाव से अर्जी लगाता है उसकी सुनवाई जरूर होती है। श्री बालाजी उस भक्त की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। कहते हैं मेहंदीपुर धाम कोई भी भक्त उदास नहीं लौटता। मेहंदीपुर में हर प्रकार की समस्या का समाधान मिल जाता है। पढ़ें- सुबह जल्दी उठेंगे तो होशिय़ार होंगे बच्चे