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हरकी पैड़ी से सौ भवनों की छतों को हराभरा करने के लिए रूफ टॉप गार्डनिंग

हरिद्वार। अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से उपस्थित केन्द्रीय केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पांच रुपये का डाक टिकट जारी किया।

कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ‘‘हरित हरिद्वार योजना’’का शुभारंभ किया। इसके तहत गंगा के आस-पास के क्षेत्रों को हरा-भरा करने की योजना है। गंगा दशहरा पर हरकी पैड़ी से प्रथम चरण में सौ भवनों की छतों को हरा-भरा करने के लिए रूफ टॉप गार्डनिंग की शुरुआत की गई।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि शांतिकुंज, पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी की तपस्थली है। शांतिकुंज का सनातन संस्कृति को विस्तार देने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लोगों में आध्यात्मिक चेतना जगाई। उन्होंने अपना जीवन समाज की भलाई तथा सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।

Key Words: Roof top Gardening, Shantikunj, Chief Minister, Tirath Singh Rawat, Minister of Information Technology, Harit Haridwar Yojna, 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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