FeaturedNewsUttarakhand

ऋषिकेश शहर के मास्टर प्लान पर जनता से लें सुझावः सीएस

मास्टर प्लान में ऋषिकेश शहर की यातायात व्यवस्था को केंद्र में रखने के निर्देश

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने ऋषिकेश शहर के मास्टर प्लान को लेकर बैठक में संबंधित विभागों को आपसी तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा, ऋषिकेश शहर का यातायात चारधाम यात्रा के दौरान अत्यधिक प्रभावित रहता है। मास्टर प्लान में तीन जनपद तथा स्थानीय निकाय शामिल हैं। सभी जनपदों के साथ आपसी समन्वय से इस दिशा में कार्य किया जाए।

उन्होंने मास्टर प्लान में ऋषिकेश शहर की यातायात व्यवस्था को केंद्र में रखने के निर्देश देते हुए कहा, नेशनल हाईवे से संपर्क कर मास्टर प्लान में ऋषिकेश बाईपास रोड को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान तैयार करते हुए तीन या पांच साल के रोलिंग प्लान का भी प्रावधान रखा जाए।

उन्होंने कहा, आमजन को भी इस मास्टर प्लान की जानकारी हो, और उनके सुझाव लिए जाएं। साथ ही, उनकी आपत्तियों को दूर करने के प्रयास किए जाएं। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आवास एसएन पांडेय, संबंधित जिलाधिकारी और उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सहित संबंधित विभागों के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

newslive24x7

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button