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Newslive GK- थैंक्स गिविंग डे

कनाडा में थैंक्स गिविंग डे हर साल अक्तूबर के दूसरे सोमवार को मनाया जाता है। अमेरिका में भी थैंक्स गिविंग डे मनाया जाता है, वहां नवंबर के चौथे गुरुवार को इसका आयोजन होता है। कनाडा में अच्छी फसल के ईश्वर का शुक्रिया अदा करने के लिए वहां के धार्मिक नेताओं ने 1859 में एक दिन तय किया था। कनाडा में इस दिन अवकाश होता है। 

तेलंगाना में दुर्गा नवरात्रि उत्सव के दौरान नौ दिन के लिए बाथुकम्मा उत्सव मनाया जाता है। श्रद्धालु देवी बाथुकम्मा की पूजा करते है। इनको देवी गौरी भी कहा जाता है| महिलाएं बाथुकम्मा नृत्य करती है| इस पर्व के अंतिम दिन विधि विधान और सभी अनुष्ठानों को संपन्न करने के बाद देवी की प्रतिमा को नदी में विसर्जित किया जाता है। 

उत्तरप्रदेश सरकार ने सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की है। इस योजना का लाभ हासिल करने के लिए दुल्हन के माता-पिता को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए। उनकी आर्थिक स्थिति गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली होनी जरूरी है। योजना में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी शामिल किया गया है। शादी में मुख्यमंत्री की ओर से तोहफे और गृहस्थी का जरूरी सामान दिया जाता है।

प्रख्यात शास्त्रीय गायक गिरिजा देवी का 88 वर्ष की आयु में हृदयघात से निधन हो गया। उन्हें भारतीय शास्त्रीय गायन शैली ठुमरी की रानी के रूप में माना जाता था। उनका जन्म 8 मई, 1929 को बनारस के पास स्थित गांव में ज़मींदर परिवार में हुआ था। वह “सेनिया और बनारस घरानों” की प्रसिद्ध गायिका थीं।

देश में पहली बार गुजरात में वीवीपैट के माध्यम से मतदान किया गया है। इसके तहत सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम के साथ वीवीपैट (वोटर वैरीफाइड पेपर आडिट टूल) लगा होता है। वोट करते ही बीप की आवाज के साथ वोटर को सामने डिस्प्ले पर एक पर्ची दिखाई देगी, जिसमें उल्लेख होगा कि उसने किस उम्मीदवार या नोटा को वोट किया है। सात सेकंड तक उसके सामने डिस्प्ले पर पर्ची दिखेगी और फिर यह कटकर ड्राप बाक्स में गिर जाएगी। इसका उद्देश्य मतदाताओं को यह बताना है कि उनका वोट उनकी पसंद के उम्मीदवार को ही गया है। 

विश्व की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा असम के गुवाहाटी में बनाई गई है। इस प्रतिमा को बनाने में बांस की पांच हजार बल्लियों का इस्तेमाल किया गया है। पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमा को बनाने में मैटल या प्लास्टिक बैग को नहीं लगाया गया। 

ऑस्ट्रेलिया में विश्व का पहला सैंड हॉस्टल बनाया गया है| इसको बनाने में 24 टन रेत का इस्तेमाल किया गया है| एक लग्जरी रूम और आठ बेडरूम वाले सैंड हॉस्टल को एक बुकिंग वेबसाइट की प्रमोशन के लिए बनाया गया है| यह इस हॉस्टल को मैड मैक्स और ब्लू लैगून जैसी फिल्मों के सेट डिजाइन कर चुके डाउडिंग ने 21 दिन में तैयार किया है। 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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