Uttarakhand

सीधे सरकार से संवाद करेगी उत्तराखंड की जनता

देहरादून। उत्तराखंड देश का पांचवाँ राज्य बनने जा रहा है, जो सुशासन में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल “MyGov” को अपनाएगा। जल्द ही इसका उत्तराखंड चैप्टर लांच किया जा रहा है। सूचना विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर इस दिशा में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

सरकार में जनता की भागीदारी सिर्फ मतदान तक सीमित न रहे, प्रदेश की जनता सरकार के कार्यों और योजनाओं में सक्रिय भागीदारी निभा सके, इसके लिये “MyGov” का उत्तराखंड चैप्टर जल्द ही लांच किया जा रहा है। “MyGov” जनता और सरकार के बीच सेतु की तरह काम करेगा।

कहा गया कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश की जनता सरकार के हर फैसले और हर जनकल्याणकारी योजना पर अपने सुझाव दे सके। इससे हर नागरिक को राज्य के विकास में अपना योगदान देने के लिये आगे आने का प्लेटफॉर्म मिलेगा। सरकार में गुणवत्तापरक जनसहभागिता के लिए विभिन्न विभागों को भी इससे जोड़ा जाएगा, ताकि सरकार द्वारा कराये जा रहे प्रत्येक कार्य के जनता के सुझाव व इसमें सक्रिय योगदान मिल सके।

इस पोर्टल के माध्यम से सरकार द्वारा किये गए कार्यों एवं योजनाओं पर फीडबैक लिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रमेश भट्ट ने बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्री एस. रामास्वामी की अध्यक्षता में बैठक कर ली गयी है। बैठक के दौरान सी.ई.ओ. “MyGov” श्री गौरव द्विवेदी ने बताया कि उत्तराखण्ड के सन्दर्भ में यह कार्यक्रम बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है।

इसकी संकल्पना है “Do, Discuss and Disseminate”। यह राज्य के उन लघु उद्यमियों को उनके मार्केटिंग के लिए एक प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराएगा, जिनके लिए बड़ी ऑनलाइन मार्केटिंग कम्पनियों तक पहुँचना सम्भव नहीं है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘‘13 डिस्ट्रिक्ट, 13 न्यू डेस्टिनेशन‘‘ के क्रियान्वयन में भी यह बहुत उपयोगी साबित होगा।

पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किए जाने वाले नये स्थलों को लेकर स्थानीय लोग सुझाव दे सकते हैं।  हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं असम इसको पहले ही अपना चुके हैं। उत्तराखण्ड “MyGov” को अपनाने वाला 5वाँ राज्य बनने जा रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव राधिका झा, महानिदेशक सूचना डॉ. पंकज कुमार पांडेय, अमित सिन्हा, हरबंस चुग व एनआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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