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मन की बात: पीएम ने बागेश्वर की हेल्थ वर्कर पूनम नौटियाल की प्रशंसा की

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ को सुना। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण की प्रथम डोज लगाने पर उत्तराखंड सरकार की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने बागेश्वर जनपद की हेल्थ वर्कर पूनम नौटियाल से बात की। पूनम नौटियाल ने कहा कि हमने लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। एक दिन में पर्वतीय क्षेत्रों में आठ से दस किमी की दूरी तय कर कोविड टीकाकरण किया। बुजुर्गों, दिव्यांगों एवं धात्री महिलाओं का उनके घरों पर जाकर टीकाकरण किया।

प्रधानमंत्री ने पूनम नौटियाल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा, उन्होंने आउट ऑफ द वे जाकर लोगों का टीकाकरण किया।

मन की बात कार्यक्रम को सुनने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात हम सभी को देशहित और समाज हित में सोचने और काम करने के लिए प्रेरित करती है।

प्रधानमंत्री ने एक अभिभावक की तरह मार्गदर्शन किया। उनका सक्षम नेतृत्व ही था कि ‘सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन’ अभियान से देश सौ करोड़ वैक्सीनेशन डोज का पड़ाव पार कर चुका है। हम उत्तराखंडवासियों के लिए सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री ने राज्य की हेल्थ वर्कर पूनम नौटियाल से बात की। उत्तराखंड के हेल्थ वर्कर्स का जज्बा ही है कि दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में 100 प्रतिशत पहली डोज का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। हम जल्द ही शत प्रतिशत सेकेंड डोज का लक्ष्य भी हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री ने मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने वाली बागेश्वर जनपद की पूनम नौटियाल से फोन पर वार्ता कर उनको सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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