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राज्य की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट

देहरादून। सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और शासन के उच्चाधिकारियों के साथ कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य की अर्थव्यवस्था पर मंथन किया। राज्य की आर्थिकी में सुधार लाने तथा आजीविका के संसाधनों में वृद्धि के लिए गठित उच्च स्तरीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष इंदु कुमार पाण्डे ने अन्तरिम रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को सौंपी।

उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कोविड-19 के दृष्टिगत उत्पन्न स्थिति के कारण विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभावों पर विभिन्न संस्थानों, उद्यमियों से इस सम्बन्ध में सुझाव प्राप्त करने के साथ ही विभिन्न राज्यों के प्रयासों की भी जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

पांडे ने कहा कि प्रदेश की माइक्रो इकोनामी को रिवाइव करने की जरूरत है, इसके लिये बैंको को सहयोगी बनाना होगा। स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन, राज्य में होने वाले माइग्रेशन से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर उद्योगों की स्थिति के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों पर सेक्टरवार एनालिसिस पर ध्यान दिया जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में प्रदेश के पर्यटन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। इससे सम्बंधित उद्योग बड़ी संख्या में प्रभावित हुए हैं, भविष्य  में इन्हें कैसे मजबूती प्रदान की जाए, इस पर चिन्तन जरूरी है। इसके लिए शार्ट टर्म, मीडियम टर्म एवं लॉन्ग टर्म की योजनाओं का स्थानीयता को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन करना होगा।

उन्होंने जिले से लेकर ब्लाक स्तर तक सेक्टरवार स्थिति के आकलन के लिए जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी देने को कहा। उन्होंने कहा कि आगामी माहों में राज्य की आर्थिकी की स्थिति का रूझान स्पष्ट हो पाएगा, इसके लिये सभी क्षेत्रों की स्थिति पर गहनता से ध्यान देने की उन्होंने जरूरत बतायी।

औद्योगिक उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभावों, श्रमिक समस्याओं, संसाधनों की कमी के दृष्टिगत आर्थिकी के नये स्रोतों पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल डेवलपमेंट प्लान भी तैयार किया जाना चाहिए। व्यय पर प्रभावी नियंत्रण के साथ ही एसडीआरएफ का स्कोप बढ़ाने, हर जिले में उत्पादों के कलस्टर तैयार करने की भी बात उन्होंने कही।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य की आर्थिकी के लिए समेकित प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण राज्य के अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों को केन्द्र की गाइडलाइन के अंतर्गत वापस लाया जाएगा। पहले उन लोगों को लाया जाएगा, जो न घर में हैं और न कार्यस्थल पर। इसके लिए यहां पर उनकी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेश के जो लोग राज्य में रुके हैं, उनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के तहत 600 किमी सड़क का निर्माण दिसम्बर तक पूर्ण हो जाएगा। इससे राज्य को जीएसटी में 400 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि खनन की प्रक्रिया भी गतिमान है। प्रमुख सचिव आनंदवर्धन ने कहा कि एक्साइज पर सेस व मेडिसिन प्लांट के कृषिकरण से आय के संसाधन बढ़ाए जा सकते हैं।

प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में 3,500 उद्योगों को अनुमति प्रदान कर दी गई है। फूड प्रोसेसिंग वाले उद्योगों में उत्पादन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि आजीविका सुधार से सम्बंधित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सचिव कृषि आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि किसानों को गेहूं का भुगतान समय पर किया जा रहा है। परम्परागत उत्पादों की मार्केटिंग की सप्लाई  चेन की मजबूती के साथ ही इसकी मानिटरिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए एम्पावर्ड कमेटी बनाई जाएं। उद्योग व वाणिज्यिक संस्थानों को सहयोग देकर आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि चारधाम यात्रा का व्यवसाय लगभग 2000 करोड़ का होता है, उन्होंने कहा कि पहाड़ के जिलों में यदि यात्रा में छूट दी जाए तो स्थानीय लोग अपना व्यवसाय आदि खोल सकते हैं। उन्होंने शार्ट टर्म रिलीफ के साथ सभी विभागों से इस क्षेत्र के रिवाइवल पर सहयोग की बात कही।

सचिव वित्त सौजन्या ने कहा कि सभी जनपदों में रजिस्ट्री कार्यालय खोलने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में सचिव वित्त अमित नेगी ने राज्य की वित्तीय स्थिति का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने आय के प्रस्तावित संसाधनों की भी जानकारी दी। इसके साथ ही सचिव आईटी आरके सुधांशु ने भी अपने सुझाव व्यक्त किए।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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