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भारत-नेपाल लोक शिल्प महोत्सव

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एनटीपीसी के थर्मल पावर प्लांट में 1 नवंबर 2017 को हुई दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने चार सदस्यीय समिति गठित की है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के सदस्य पीडी सिवाल की अध्यक्षता वाली समिति एक महीने में रिपोर्ट पावर मंत्रालय को सौंप देगी। समिति दुर्घटना के कारणों की जांच करेगी और यदि चूक हुई है तो इसके लिए जिम्मेदारी तय करेगी। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए उपाय भी सुझाएगी। संयंत्र में एक बॉयलर विस्फोट के बाद 30 से अधिक लोग मारे गए थे। 

भारत-नेपाल लोक शिल्प महोत्सव सात नवंबर, 2017 को काठमांडू, नेपाल में शुरू हुआ है। पांच दिवसीय समारोह का आयोजन दक्षिण एशिया फाउंडेशन (एसएएफ) हस्तशिल्प विकास निगमों (कोहैंडस) की परिषद, भारत के दूतावास के सहयोग करता है। काठमांडू में भारतीय दूतावास, भारत-नेपाल फाउंडेशन, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार इस कार्यक्रम को प्रायोजित कर रहे हैं। त्योहार का मूल उद्देश्य शिल्प के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और भारत तथा नेपाल के कारीगरों के बीच संबंधों को मजबूत करना है। दस नवंबर को काठमांडू में भारत हाउस, भारतीय दूतावास में खादी-फैशन शो आयोजित किया जाएगा। 

तृष्णा वन्यजीव अभ्यारण्य (टीडब्लूएस) त्रिपुरा के दक्षिण त्रिपुरा जिले में स्थित है।लगभग 163.08 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस अभ्यारण्य का इंडिया गौर(बिशन) आकर्षण है।
इंटरनेशनल कर्न्सोटियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट ने वैश्विक जांच ‘द पैराइड पेपर्स’ जारी किया है, जिसमें दुनिया के सबसे पावरफुल लोगों और कंपनियों के ऑफशोर हितों व गतिविधियों का पता चलता है। आईसीआईजे का मुख्यालय वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है।
केंद्र सरकार ने ‘द पैराइड पेपर्स’ के मामलों की जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमएजी) का पुनर्गठन किया है, जो पनामा पत्रों की जांच कर रहा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) के अध्यक्ष सुशील चंद्र की अध्यक्षता में पुनर्निर्मित एमएजी के पास ईडी, आरबीआई और फाइनेंशिंयेल इंटेलीजेंस यूनिट के प्रतिनिधि होंगे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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