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लोकसभा चुनाव 2014ः आचार संहिता लागू होने के बाद 60 लाख से अधिक की अवैध शराब, ड्रग्स, कैश पकड़े

देहरादून। प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद 16 मार्च से 18 मार्च तक प्रवर्तन एजेंसियों ने 60 लाख से अधिक कीमत के अवैध शराब, मादक पदार्थ, अनाधिकृत नकदी एवं अन्य सामग्री सीज की।

स्टेट नोडल ऑफिसर (इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनीटरिंग) मनमोहन मैनाली ने बताया, 11 मार्च को हरिद्वार जनपद में तीन करोड़ 34 लाख रुपये कीमत के मादक पदार्थ सीज किए गए।

एक मार्च से 18 मार्च तक 7 करोड़ 68 लाख से अधिक कीमत की अवैध सामग्री सीज की गई है।

स्टेट नोडल ऑफिसर ने बताया कि भारतीय चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को सकुशल और निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए चुनाव ड्यूटी में लगी प्रवर्तन एजेंसियों के लिए इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) की व्यवस्था लागू की है।

ईएसएमएस में आबकारी, पुलिस, आयकर विभाग समेत 20 से अधिक एजेंसियां जुड़ी हुई हैं।

ईएसएमएस साफ्टवेयर में सभी जिलों की प्रवर्तन एजेंसियों अपनी कार्रवाई दर्ज कर रही हैं। जिसकी सीधी मॉनीटरिंग भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड कार्यालय द्वारा की जा रही है।

Please Read: Uttarakhand में मार्च माह में सात करोड़ से अधिक की धनराशि, अवैध शराब, मादक पदार्थ सीज

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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