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मानव शरीर की रोचक जानकारियां

  1. मस्तिष्क मानव शरीर द्वारा उपयोग की जाने वाली ऑक्सीजन का एक चौथाई से अधिक इस्तेमाल करता है।
  2. लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं। ये हड्डियों की अस्थि मज्जा (बोनमैरो) के अंदर हैं। 
  3. मानव त्वचा का रंग मेलेनिन के स्तर से निर्धारित होता है। मेलेनिन की थोड़ी मात्रा वाले लोग हल्की त्वचा रखते हैं, जबकि बड़ी मात्रा वाले लोगों की स्किन डार्क होती है।
  4. वयस्क के फेफड़े का सरफेस एरिया करीब 70 वर्ग मीटर होता है। 
  5. अधिकांश वयस्कों में 32 दांत होते हैं। 
  6. मानव शरीर की सबसे छोटी हड्डी कान में स्थित है। स्टेपल हड्डी केवल 2.8 मिलीमीटर लंबी होती है। 
  7. नाक और कान पूरे जीवन बढ़ते रहते हैं। 
  8. शिशुओं को एक मिनट में केवल एक बार या दो बार झपकी लेनी होती है, जबकि वयस्कों में यह करीब 10 है।
  9. यूनीक फिंगरप्रिंट होने के साथ-साथ मनुष्य की जीभ का प्रिंट भी किसी से नहीं मिलता।
  10. आपके शरीर का बायां हिस्सा मस्तिष्क के दाहिनी तथा दायां हिस्सा मस्तिष्क की बाईं ओर से नियंत्रित होता है।
  11. एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया पर असर करती है। ये वायरस से बचाव करने में मदद नहीं करती। 
  12. भोजन को पूरी तरह से पचाने के लिए शरीर करीब 12 घंटे लेता है। 
  13. हृदय शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो रक्त वाहिकाओं के जरिये रक्त को निरंतर पंप करता है।
  14. दिल छाती में स्थित होता है और रिब कैज में अच्छी तरह से सुरक्षित है।
  15. मानव हृदय और इसके विभिन्न डिसआर्डर के अध्ययन को कार्डियोलॉजी कहा जाता है।
  16. रक्त एक मानव शरीर के वजन का लगभग 7 फीसदी होता है।
  17. रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स होते हैं। 
  18. रक्त प्लाज्मा में 90% पानी होता है और इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स, गैस, प्रोटीन, ग्लूकोज,हार्मोन भी होते हैं।
  19. ब्लड प्लाज्मा को स्पिनिंग करके कोशिकाओं से पृथक किया जा सकता है।
  20. लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं। इनमें हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन होता है। हीमोग्लोबिन में आयरन होता है, जो आक्सीजन से मिलकर हमारे ब्लड को लाल रंग देता है। 
  21. श्वेत रक्त कोशिकाएं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये कुछ बैक्टीरिया, वायरस, कैंसर कोशिकाओं, संक्रामक रोगों और अन्य अवांछित रोगों से सुरक्षा देती हैं। 
  22. चोट लगने, त्वचा कटने पर प्लेटलेट्स खून का थक्का बनाते हैं ताकि खून बहने से रोका जा सके। रक्त के थक्कों का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। यदि मस्तिष्क तक जाने वाली रक्त वाहिकाओं में क्लोटिंग (थक्का) बन जाए तो यह स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। दिल में जाने वाली रक्त वाहिका के थक्के से दिल का दौरा पड़ सकता है।
  23. ब्लड प्रेशर आमतौर पर किसी व्यक्ति के ऊपरी बांह पर चेक किया जाता है। हालांकि औसत से अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न होता है। उच्च रक्तचाप स्ट्रोक या दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकता है।
  24. जीभ स्वाद का पता लगाने वाला मुख्य संवेदी अंग है। जीभ की ऊपरी सतह टेस्ट बड्स से कवर होती है, जिसमें स्वाद रिसेप्टर होते हैं।
  25. जीभ मुख के तल पर एक मांस पेशी होती है, जिसकी मदद से भोजन चबाया जाता है। इसकी मदद से भोजन को निगलना आसान होता है।
  26. मानव जीभ की औसत 3,000 – 10,000 टेस्ट बड्स होती हैं। 
  27. स्वाद के पांच प्रकार  हैं: नमकीन, खट्टा, कड़वा, मीठा, स्वादिष्ट।
  28. यह मिथक है कि जीभ के विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न स्वाद आते हैं, यह स्वाद जीभ पर कहीं भी पा सकते हैं। 
  29. जीभ का इस्तेमाल बोलने में भी किया जाता, जहां यह साउंड बदलने में मदद करती है।
  30. जीभ भोजन के बाद दांतों को साफ करने का एक प्राकृतिक तरीका है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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