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उत्तराखंडः सीएम धामी ने निशुल्क मोबाइल टैबलेट योजना शुरू की

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड, देहरादून में निःशुल्क मोबाइल टैबलेट योजना के क्रियान्वयन के लिए जनसंवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने विद्यालय की 100 छात्राओं को निःशुल्क टैबलेट प्रदान किए। शनिवार को यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड में ऑडिटोरियम बनाया जाएगा।
प्रदेश में लगभग 2.65 लाख विद्यार्थियों को राज्य सरकार टैबलेट खरीद के लिए धनराशि उपलब्ध करा रही है। प्रत्येक विद्यार्थी के खाते में 12 हजार रुपये जमा किए जा रहे हैं। इसी क्रम में टैबलेट खरीद के लिए राजकीय स्कूलों के 10वीं, 12वीं  के 1.59 लाख विद्यार्थियों को डीबीटी के माध्यम से धनराशि दी गई।
मुख्यमंत्री धामी ने नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, राज्य में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। डिजिटल लर्निंग के अन्तर्गत राज्य के 500 स्कूलों में  वर्चुअल कक्षाएं चलाई जा रही हैं। 600 अन्य स्कूलों में भी शीघ्र ही ये सेवाएं शुरू की जाएंगी।
राज्य के 709 राजकीय विद्यालयों में 1418 स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की जा रही हैं। यह कार्य 15 जनवरी 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। राज्य सरकार ने सभी राजकीय विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
राजकीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए भी निःशुल्क बैग एवं जूते उपलब्ध कराए जा रहे हैं। राज्य स्तरीय छात्रवृत्ति की धनराशि बढ़ाई गई है। शिवानंद नौटियाल राज्य योग्यता छात्रवृत्ति की धनराशि को  प्रतिमाह 250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है तथा लाभार्थी विद्यार्थियों की संख्या भी 11 से बढ़ाकर 100 की गई है। मुख्यमंत्री ने कोविड के नये वेरिएंट ओमीक्रोन से बचाव के लिए सतर्कता बरतने तथा कोविड एप्रोप्रिएट विहेवियर का पालन करने की अपील की है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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