उत्तराखंड में इतना है सेब कारोबार का सालाना टर्नओवर, सरकार का लक्ष्य दस गुना करना
चम्पावत में सेलिब्रेटिंग एप्पल हार्वेस्ट में शामिल हुए मुख्यमंत्री पु्ष्कर सिंह धामी
नई दिल्ली। न्यूज लाइव ब्यूरो
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को उत्तराखंड सदन, नई दिल्ली से चम्पावत में आयोजित सेलिब्रेटिंग एप्पल हार्वेस्ट (Celebrating Apple Harvest) कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नति एप्पल परियोजना (Unnati Apple Pariyojana) इस बात का शानदार उदाहरण है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से कृषि परिवर्तन को बढ़ावा मिल सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत में हाई डेन्सिटी प्लांटेशन तकनीक से लगाए गए सेब के सौ बागानों से 20 माह में ही फलों का उत्पाद होना सेब की खेती के लिए शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा कि चंपावत में कोका-कोला इंडिया और इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (आईडीएचटी) प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण साझेदारी निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना ने किसानों को उन्नत रोपण सामग्री, अच्छे कृषि अभ्यासों (जीएपी) में प्रशिक्षण और आधुनिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की है, जिसके परिणामस्वरूप सेब उत्पादन और किसानों की आय में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
सेब के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कोका-कोला इंडिया और इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज की परियोजना उन्नति एप्पल जैसी आधुनिक कृषि-तकनीक पहल अत्यधिक उत्पादक और लाभदायक साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जलवायु कीवी, अखरोट, नाशपाती,प्लम, खुमानी और पैशन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है। इन फलों के उत्पादन के लिए चम्पावत क्षेत्र उपयुक्त माना जाता है। यहां के सेब अपनी गुणवत्ता, स्वाद व पोषण तत्वों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। राज्य सरकार प्रदेश में फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब बागान लगाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। सरकार ने प्रदेश में नई सेब नीति बनाई है, इसमें आठ वर्ष में पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की अति सघन बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में सेब का सालाना टर्नओवर ₹200 करोड़ से बढ़ाकर ₹2000 करोड़ तक किया जाए।
उन्होंने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत किसानों को 80 फीसदी तक सब्सिडी पर कृषि उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सतत् कृषि योजना के तहत कृषि में खाद्यान्न, मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी में बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक सेक्टर में अनुदान दिया जा रहा है। पशुधन बीमा योजना के तहत पशु बीमा से किसानों को पशुओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर होने वाली हानि से बचाया जा रहा है।