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श्रीनगर बेस अस्पताल में ढाई महीने में आभा आईडी से बनाए 15 हजार से अधिक ओपीडी पर्चे

अस्पताल के ओपीडी पंजीकरण काउंटर में लाइन लगने की समस्या समाप्त

श्रीनगर। 6 जनवरी, 2025

बेस अस्पताल में आभा आईडी काउंटर (ABHA Id Counter) से अब मरीजों को बिना लाइन लगाए टोकन के जरिए ओपीडी पर्चा (OPD Slip)आसानी से मिल रहा है।आभा आईडी काउंटर पर तीन अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती केवल इसी काम के लिए की गई है। ढाई माह में आभा आईडी के जरिए 15 हजार 564 लोगों ने ओपीडी पर्चे के लिए टोकन लिया।

प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर बेस अस्पताल में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM – Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत आभा एप के जरिए पर्चे बनाना शुरू कराया। शुरुआत में इसकी जिम्मेदारी मेडिकल रिकार्ड विभाग के कर्मियों के पास थी। आभा आईडी का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिलाने के लिए यहां अन्य विभाग से तीन कर्मियों की तैनाती गई। इसके बाद यहां आभा आईडी के जरिए पंजीकरण ने रफ्तार पकड़ी।

16 अक्तूबर से दिसम्बर 2024 तक 15,564 लोगों ने आभा आईडी के जरिए अपने ओपीडी पर्चे बनाए। लोग कतारों में लगने के बजाय आभा आईडी के जरिए टोकन लेकर आभा काउंटर पर आकर ओपीडी पर्चा हासिल कर रहे हैं। इससे उनको देर तक लाइन में लगने की समस्या से निजात मिली है।

मरीज या उनके तीमारदार आभा एप के जरिए क्यूआर कोड स्कैन करें तो पर्चा बनवाने में उनका समय भी बचेगा और लाइन में भी नहीं लगना पड़ेगा। इसके लिए बेस अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में क्यूआर कोड भी जगह-जगह चस्पा किए हैं।

आभा काउंटर के संचालक बलवंत सिंह, अभिषेक भट्ट, शुभम और ईशा थपलियाल ने बताया कि अस्पताल में आभा एप के जरिए लोग काफी संख्या में पर्चे बनाने पहुंच रहे है, साथ ही लोगों को आभा एप की जानकारी भी दी जा रही है।

चिकित्सालय प्रशासन के अनुसार, आभा पंजीकरण के साथ Driefcase एप डाउनलोड कर आप परिवार या अन्य लोगों का भी ओपीडी पर्चे के टोकन के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।

आभा एप के जरिए केवल एक व्यक्ति का टोकन बनेगा, लेकिन Driefcase एप डाउनलोड करें तो इसके जरिए आप अन्य का भी टोकन के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। बशर्ते इसके लिए आपके पास आभा क्यूआर कोड (ABHA QR Code) होना भी जरूरी है। एप संबंधी अधिक जानकारी अस्पताल में पहुंचकर आभा काउंटर (ABHA Counter) से भी ले सकते है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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