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“पशुपालन से आय बढ़ाने के लिए स्वदेशी नस्लों के संरक्षण के साथ हाइब्रिड मॉडल अपनाएं”

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड पशुधन विकास परिषद की गवर्निंग बॉडी की बैठक

देहरादून। न्यूज लाइव
अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड पशुधन विकास परिषद की गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई। अपर मुख्य सचिव ने बोर्ड की वार्षिक प्रगति पर विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि छोटे किसानों के साथ ही बड़े किसानों को भी पशुपालन के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि किसानों का व्यावसायिक दृष्टिकोण विकसित हो और योजना के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि गौ एवं महिष वंशीय पशुओं में मात्रात्मक एवं गुणात्मक आनुवंशिक सुधार लाए जाने हेतु समग्र दृष्टिकोण अपनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों में गर्भधारण दर को बढ़ाने एवं उसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष कदम उठाए जाने और भ्रूण प्रत्यारोपण के लिए भी लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पशुओं में उत्पादकता बढ़ाए जाने हेतु नस्लवार लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। सरकार द्वारा स्वदेशी नस्लों को संरक्षण देने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों में किसानों की प्रतिभागिता सुनिश्चित किए जाने हेतु हाइब्रिड मॉडल को अपनाया जा सकता है, ताकि किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो और स्वदेशी नस्लें भी संरक्षित रह सकें।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी नस्लों को संरक्षित करने के लिए भी परिणाम आधारित कार्यक्रम संचालित किए जाएं। साथ ही एन.एल.एम उद्यमिता विकास कार्यक्रम का लाभ लेने हेतु भी अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित किया जाए।
बैठक के दौरान बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में 1804 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र हैं। प्रदेश के 6 जनपदों (अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी, टिहरी एवं उत्तरकाशी) में बद्री गाय संरक्षण एवं संवर्द्धन कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी संचालन किया जा रहा है, जिसमें मैत्री, ए.आई रिफ्रेशर, पशु सखी, बकरी पालन आदि कार्यक्रम शामिल हैं। इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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