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युवा वोटर्स को प्रेरित करेंगे चाचा चौधरी और साबू

कॉमिक बुक "चाचा चौधरी और चुनावी दंगल" भारत निर्वाचन आयोग और प्राण कॉमिक्स की साझा पहल

नई दिल्ली। जब हम बचपन के दिनों को याद करते हैं, तो चाचा चौधरी कॉमिक्स के साथ साझा किए गए अतीत में खो जाते हैं। चाचा चौधरी और साबू के किरदार सभी पीढ़ियों के पाठकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं, क्योंकि उन्होंने अपने मनोरम संवादों और बातचीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है और गर्मजोशी और पुरानी यादों को ताजा किया है।

चाचा चौधरी कॉमिक्स की अपार लोकप्रियता को देखते हुए, एक अनूठी पहल “चाचा चौधरी और चुनावी दंगल” नामक एक कॉमिक बुक ईसीआई और प्राण कॉमिक्स की एक संयुक्त पहल है, जिसे युवाओं को लोकतंत्र के त्योहार में अपना नामांकन करने और भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट स्वर्गीय प्राण कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत प्रतिष्ठित कार्टून पात्रों चाचा चौधरी, साबू, बिल्लू को दिखाया गया है।

दो दिन पहले इस बुक का विमोचन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे तथा अरुण गोयल ने निर्वाचन सदन में किया।  मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि डिजिटल मीडिया के इस युग में भी आउटरीच माध्यम के रूप में कॉमिक्स प्रासंगिक और विशिष्ट है। अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि ये कॉमिक चरित्र, अपनी सार्वभौमिक अपील और ईमानदारी, दया और करुणा जैसे मूल्यों पर बल देने के साथ चुनाव से संबंधित जानकारी को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए एक आकर्षक मंच प्रदान करते हैं।

बच्चों और किशोरों के बीच एक महत्वपूर्ण अनुसरण के साथ यह माध्यम, चुनाव आयोग को युवाओं के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने में सक्षम बनाता है, जो कम उम्र से ही सूचित और जिम्मेदार नागरिकता की भावना को बढ़ावा देता है। कॉमिक बच्चों को चुनाव प्रक्रिया की कल्पना करने में मदद करेगा और यह पुरानी पीढ़ी को अपने पहले के दिनों को फिर से ताजा करने में भी मदद करेगा।

यह कॉमिक प्रिंट और डिजिटल दोनों प्रारूपों में उपलब्ध है, जो सभी प्लेटफार्मों पर पहुंच सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त, युवा मस्तिष्क को प्रेरित करने के लिए, स्कूलों में कॉमिक बुक की निशुल्क प्रतियां वितरित की जाएंगी, जिससे भविष्य के मतदाताओं को चुनावों के बारे में शिक्षित किया जाएगा।

कॉमिक की डिजिटल कॉपी https://ecisveep.nic.in/files/file/2152-chacha-chaudhary-aur-chunavi-dangal/  पर देखी जा सकती है।

चाचा चौधरी की लोकप्रियता शहरों से परे है, जो पूरे भारत के छोटे शहरों और गांवों में गहराई से गूंजती है। 1960 में कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा द्वारा इसकी शुरुआत के बाद से चरित्र की स्थायी अपील समय की कसौटी पर खरी उतरी है और यह अनूठी पहल मतदाता जागरूकता के लिए एक समग्र दृष्टिकोण बनाते हुए पुरानी यादों के माध्यम से भावनात्मक संबंध का उपयोग करती है। इस अवसर पर प्राण कॉमिक्स के निदेशक और प्रकाशक निखिल प्राण और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। साभार- पीआईबी

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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