अपनी निधि से एक करोड़ तक के कोविड संबंधी काम करा सकेंगे विधायक
देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते कोविड संक्रमण (COVID-19 Infection) को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यहित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
उन्होंने विधायक निधि (MLA Fund) से एक करोड़ रुपये तक के कोविड कार्यों को करवाने के लिए स्वीकृति दी है।
मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद अब प्रदेश के सभी विधायक अपनी विधायक निधि से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कोविड रोकथाम संबंधी जरूरी व्यवस्थाओं पर एक करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी विधायकों से अपेक्षा की है, कि तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड की रोकथाम के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे और विशेषकर सुदूरवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को मदद करेंगे।
शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) बताया कि प्रदेश की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक अपनी विधायक निधि से एक करोड़ रुपये तक खर्चा कर सकते हैं।
विधायक आईसीयू वार्ड, आक्सीजन सिलेंडर, वेन्टीलेटर जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी और सीएमओ से विचार विमर्श करने के बाद यह राशि जारी कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सूदूरवर्ती गांवों के प्राथमिक (Primary Health Centers in Uttarakhand) एवं अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में वो सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी, जो बड़े अस्पतालों में कराई जा रही हैं।
उन्हें पूरा विश्वास है कि इस निर्णय का लाभ इस विषम भौगोलिक परस्थितियों वाले राज्य के दूरस्थ क्षेत्र के हर एक व्यक्ति को मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने जनता को समर्पित की दो लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से दी गईं दो बहु उपयोगी लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस जनता को समर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि चमोली और उत्तरकाशी की तरह अन्य जनपदों में भी इस तरह की अत्याधुनिक सुविधा से एंबुलेंस की व्यवस्था कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ऑक्सीजन से लेकर बेड की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
रेमडेसीविर इंजेक्शन भी प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो गई है और टीकाकरण का कार्य भी तेजी से कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की बॉर्डर पर चेकिंग कराई जा रही है। इसके अलावा गाइडलाइन के अनुपालन के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
बताया गया कि एंबुलेंस में लाइफ सपोर्ट एक्सिस ऑक्सीजन से लेकर तमाम सुविधाएं हैं, जिससे किसी भी मरीज की जान को बचाया जा सकता है। इससे मौत के खतरे को चालीस प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
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