FeaturedShort story- Moral Values

गायक बनने के लिए गधे ने टिड्डी से सलाह ली

किसी जंगल के पास एक गधा रहता था। वह अपनी बेसुरी आवाज से बहुत परेशान था। वह भी चाहता था कि उसकी आवाज किसी गायक की तरह हो। वह भी सुरों में गीत गाना चाहता था। एक दिन वह हरी घास के मैदान में चर रहा था कि उसे मधुर गीत सुनाई दिया।
घास से भरे मैदान में काफी तलाश के बाद गधे ने एक टिड्डी को गाते हुए देखा। गधे ने टिड्डी को डिस्टर्ब किए बिना गीत का आनंद लिया। गीत समाप्त होने पर उसने टिड्डी से पूछा, दोस्त मैं भी यही हरी घास खाता हूं, जो शायद तुम भी खाते होगे। मैं भी तुम्हारी तरह गाना चाहता हूं। मुझे बताने का कष्ट करोगे कि तुम और क्या खाते हो।
टिड्डी ने सोचा कि गधा उससे मजाक कर रहा था, इसलिए उसने भी मजाक में जवाब दिया कि वह हरी घास पर जमा ओंस की बूंदों का सेवन करता है। ओंस से उसकी आवाज में स्वयं सुर आ जाते हैं। गधे ने टिड्डी का धन्यवाद किया और तय कर लिया कि आज से ओंस वाली घास ही चरेगा। उसने देखा कि सुबह-सुबह घास पर ओंस जमा होती है, इसलिए तड़के ही घास चरी जाए।
गधा सुबह-सुबह मैदान में पहुंच जाता और ओंस वाली घास चरता। कई माह बाद भी उसकी आवाज तो पहले जैसी ही थी। वह कभी भी सुर में गीत नहीं गा पाया, लेकिन सुबह-सुबह घास के मैदान में सैर करने और चरने से उसकी सेहत अच्छी हो गई। वह उस टिड्डी को तलाश करता रहा, जिसने उसे बताया था कि ओंस का सेवन करने से आवाज अच्छी हो जाती है।
Key words: Story for Kids, Motivational Stories in Hindi, Life Skills, Children’s Book, बच्चों की कहानियां, बच्चों के लिए कहानियां, कहानियां, हिन्दी में कहानियां, नैतिक कहानियां, प्रेरक कहानियां, पंचतंत्र की कहानियां, जंगल की कहानियां, लोक कहानियां, लोक कथाएं, लोक कथा

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button