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World Suicide Prevention Day पर युवा जोश कार्यक्रमः जानिए, बच्चों के सवालों पर डॉ. संतोष कुमार के जवाब

एम्स आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने कहा, खुद से सवाल पूछने की आदत डालनी होगी

ऋषिकेश। न्यूज लाइव ब्यूरो

वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे  (World Suicide Prevention Day) हर वर्ष दस सितंबर को मनाया जाता है। एम्स, ऋषिकेश के कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसिन विभाग के अपर-आचार्य और सोशल आउटरिच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने रेड फोर्ट इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, टिहरी विस्थापित क्षेत्र, पशुलोक में सभी बच्चों को “युवा जोश “ यूथ वेलनेस प्रोग्राम के तहत जागरूक किया।

उन्होंने बताया कि World Suicide Prevention Day का उद्देश्य  दुनियाभर में सुसाइड जैसे कदम के विरुद्ध जनमानस में जागरूकता बढ़ाना है, जिससे विभिन्न कारणों से आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोका जा सके। युवा-संवाद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि आपको स्वयं से प्रश्न पूछने की आदत को डालना होगा, जिससे आप निडर होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

इस दौरान बच्चों ने अपनी जिज्ञासाओं को कुछ प्रश्नों के माध्यम से डॉ. संतोष कुमार के समक्ष रखा। उनका मनोबल बढ़ाते हुए चिकित्सक ने बताया कि प्रश्न पूछना चेतन मन और बुद्धि की पहली क्रिया होती है।

उन्होंने बताया कि विद्यार्थी अपने जीवन में लक्ष्य को पाने के लिए उस पर फोकस कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें दिन-रात एक करना होगा, क्योंकि आजकल हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा (Competition) बहुत अधिक बढ़ गई है, जिसका मुकाबला करने के लिए हमें लगन एवं कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि, हमें जिंदगी चाहे जितनी कठिन लगे, फिर भी हमें हमेशा कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। यदि आप असमंजस में रहते हैं तो उससे कैसे बाहर निकलें, जिंदगी बोर हो गई है या आप किसी चीज से परेशान हैं तो अपने बारे में किसी विशेषज्ञ से पूछें और जानकारी लें।

उधर, ज्ञान योग आश्रम, ऋषिकेश में ”वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे” पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.संतोष कुमार ने वेलनेस के बारे में चर्चा की। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि हमें अपने आप से, समाज से, नजदीकी व्यक्ति से किस तरह बात करनी चाहिए तथा हम अपने नजदीकियों की बातों को कितना समझते एवं सहन करते हैं।

उन्होंने बताया कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समाज में आत्‍महत्‍या (suicide) की प्रवृत्ति तेजी से फैलती जा रही है। खासकर, युवाओं में यह जान देने की प्रवृत्ति अधिक हो चली है, लिहाजा एम्स आउटरीच सेल के अंतर्गत वेलनेस कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय किया जा रहा है, जिससे युवा वर्ग को एक नई ऊर्जा मिलती रहे।

बच्चों ने डॉक्टर संतोष कुमार से पूछे गए प्रश्न-

प्रश्न- पढ़ाई के समय टालमटोल करने से कैसे बचें तथा किस समय पर पढ़ाई करना सही होता है?

जवाब- लगातार पढ़ाई करने से आपका मन विचलित हो सकता है, लिहाजा आपको पढ़ाई से कुछ समय के लिए ब्रेक लेना भी जरूरी है। जिससे आपका मन पढ़ाई में लगा रहेगा। कॉम्पिटिशन की तैयारियों के साथ-साथ आपको अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा, जिसमें हमें एक अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। अगर हम नींद पूरी तरह से नहीं लेंगे तो इससे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, स्वस्थ रहने के लिए हमारे लिए कम से कम 6 घंटे सोना बहुत जरूरी है।

प्रश्न- परीक्षा में मार्क्स कैसे ज्यादा लाएं तथा पढ़ाई के लिए डेली रूटीन कैसे बनाएं?
जवाब- मार्क्स जरूरी नहीं हैं, जरूरी है ज्ञान का होना। अक्सर बच्चे कम मार्क्स आने पर डिप्रेशन और अकेलेपन के शिकार हो जाते हैं, जिस कारण बच्चों में आत्महत्या जैसी मनोवृत्ति जन्म लेती है। बकौल चिकित्सक, किसी के भी मन में सुसाइड का ख्याल एक दिन में नहीं आता है, यह मानसिक,शारीरिक,आध्यात्मिक और स्वास्थ्य की व्याधि का भयावह दृश्य होता है, इसलिए मन,बुद्धि और स्वास्थ्य को बैलेंस करके चलना चाहिए।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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