ऋषिकेश। न्यूज लाइव ब्यूरो
एम्स,ऋषिकेश में गुरुवार को वर्ल्ड प्रिमैच्योर माह (World Premature Month) के अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान प्रिमैच्योर( समय से पहले जन्मे) नवजात शिशुओं और उनके अभिभावकों को उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया।
एम्स ऋषिकेश में नवजात शिशु विभाग, कॉलेज ऑफ नर्सिंग एवं नर्सिंग सेवा विभाग ने समय से पहले जन्मे बच्चों के प्रति जागरूकता के लिए विशेष सत्र का आयोजन किया। कार्यक्रम में ऐसे 14 बच्चे शामिल हुए, जो वर्तमान में दो से आठ माह के हो गए हैं।
इस दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी एवं फैकल्टी मेंबर्स ने केक काटकर और उन्हें उपहार भेंटकर सम्मनित किया।
निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इन बच्चों की देखभाल के स्तर को बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने नियोनेटोलॉजी विभाग में नवजात शिशुओं के लिए बेड्स बढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इस दिशा में संस्थागत स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
सत्र के तहत नियोनेटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीपर्णा बासू, अपर आचार्य डॉ. पूनम सिंह, स्त्री रोग विभाग की अपर आचार्य डॉ. राजलक्ष्मी, सीनियर रजिडेंट डॉ. दीक्षा ने लोगों को प्रिमैच्योरिटी बच्चों के संदर्भ में व्याख्यान के माध्यम से जागरूक किया और प्रिमैयोर बच्चों के उपचार एवं देखरेख में आने वाली दिक्कतों, सावधानियों से अवगत कराया।
सत्र के तहत पोस्टर एवं स्टोन पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजक एवं निर्णायक मंडल में नियोनेटोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. मयंक प्रियदर्शी, सह आचार्य डॉ. सुमन चौरसिया, नर्सिंग कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर रूपेंद्र देयोल, डीएनएस वंदना, एएनएस शेनोय आशीष कुमार, सुमन कंवर आदि ने अहम भूमिका निभाई।
बताया गया है कि प्रिमैच्योर माह के अंतर्गत संचालित जागरूकता अभियान के अंतर्गत 16 नवंबर को एनआरपी ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी, जिसके लिए करीब 30 चिकित्सक एवं नर्सेस अपना पंजीकरण करा चुके हैं, जबकि 18 नवंबर को नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा।
गौरतलब है कि हरवर्ष नवंबर माह प्रिमैच्योर माह (9 माह के गर्भाधारण से पहले जन्मे बच्चों के प्रति) जागरूकता के रूप में मनाया जाता है। बताया गया कि प्रिमैच्योरिटी नवजात शिशुओं की मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण है, जिस चुनौती के समाधान में विश्वभर के देश प्रयत्यत्शील हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार इसके विषय के प्रति जागरूकता बढ़ाने से गर्भवती महिलाओं की बेहतर देखभाल से लेकर प्रिमैच्योरिटी नवजात शिशुओं का उचित भरण पोषण एवं विकास में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ साथ नवजात के पारिवारिक सदस्य भी योगदान दे सकते हैं।
प्रिमैच्योर माह के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता में सीएफएम विभाग की जूनियर रेसिडेंट डा. पूजा श्री ने प्रथम, एसएनओ पीडियाट्रिक्स नेहा मेहरा ने द्वितीय व बीएससी नर्सिंग स्टूडेंट निस्था ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार स्टोन पेंटिंग में नर्सिंग ऑफिसर एनआईसीयू रजनी प्रथम, एमएससी नर्सिंग स्टूडेंट मानसी द्वितीय और एसएनओ नेहा मेहरा ने तृतीय स्थान पर रहे।