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कुंभ की आस्था से कोई समझौता नहीं, मुनि की रेती व ढालवाला के शराब ठेके होंगे बंदः तीरथ

हरिद्वार। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सप्तसरोवर, हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल उपवेशन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ की आस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कुंभ क्षेत्र में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी।  संतों की मांग पर उन्होंने कहा कि मुनि की रेती व ढालवाला के शराब के ठेके बंद किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड में शामिल किए गए 51 मंदिरों पर पुनर्विचार किया जाएगा। जल्द ही तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुलाई जाएगी। सबके हक-हकूकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि चार धामों के बारे में शंकराचार्यों द्वारा प्राचीन काल से जो व्यवस्था की गई है, उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले अगले कुंभ के लिए 2010 एवं 2021 कुंभ के अनुसार चिन्हित भूमि के अनुरूप अखाड़ों, शंकराचार्यों, महामंडलेश्वर और संत समाज के लिए अभी से भूमि चिन्हित की जाएगी।
इसके लिए डिजिटल प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि शपथ लेने के बाद मैंने सबसे पहले हरिद्वार कुंभ की बैठक ली। शिवरात्रि के स्नान पर्व पर हरिद्वार कुंभ में संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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