Khalsa Furniture

खालसा फर्नीचर देता है कांच की गारंटी

खालसा फर्नीचर मार्ट ने ग्राहकों के लिए अनुभव पहल की है। फर्नीचर पर लगे कांच की गारंटी की पेशकश की गई है। खालसा फर्नीचर के निदेशक सरदार सुरेंद्र सिंह खालसा का कहना है कि आधुनिकता और प्रतिस्पर्धा के माहौल में कोई ऐसे ही सबसे आगे नहीं होता, यह प्रगति एक या दो की नहीं बल्कि लगातार सतत रूप से चलने वाले संतोषजनक, विविधापूर्ण कार्यों का परिणाम है।

ग्राहकों की संतुष्टि ने हमें आगे बढ़ाया है और हम हमेशा ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं देने की पहल करते हैं। एक नई पहल के तहत फर्नीचर पर लगे कांच की गारंटी दी गई है। कांच किसी भी मोटाई का हो, हम बदलकर देंगे। क्योंकि हमें पूर्ण विश्वास है कि हम उम्दा किस्म का उत्पाद अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराते हैं।

 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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