FeaturedUttarakhand

वीर सैनिक, वीर नारियां तथा विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले सम्मानित

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीर सैनिकों, वीर नारियों तथा विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सभी को नवरात्र एवं दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दीं।

गढ़ी कैंट देहरादून में रविवार को गोर्खाली सुधार सभा में आयोजित ‘‘ हाम्रो दशैं सांस्कृतिक महोत्सव ’’ में सीएम ने कहा कि हमारी पंरपरओं को आगे बढ़ाने में त्योहारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। त्योहार आपसी भाईचारे एवं सौहार्द्र के प्रतीक होते हैं।

उन्होंने कहा, हमारी संस्कृति ही हमारी विशिष्ट पहचान होती है। हमें अपनी प्राचीन संस्कृति को बचाकर रखना होगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की, कि कर्नल आरपी गुरूंग के नाम पर गढ़ी कैंट में एक द्वार बनाया जाएगा। गोर्खाली सुधार सभा के भवन तथा गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज भवन का जीर्णोद्धार किया जाएगा।

गढ़ीकैंट, मीठीबेड़ी,  घंघोड़ा, जैंतनवाला की आन्तरिक सड़कों का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय सेना में गोर्खाली समाज का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति कर रहा है। आज भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पद्म सिंह थापा, ले. जनरल (रिटा.) शक्ति गुरुंग, टीडी भूटिया, सरोज गुरूंग, संध्या थापा, गोर्खाली सुधार सभा के सदस्य एवं गणमान्य उपस्थित थे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button