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चारधाम यात्रा मार्गों पर लगाए जाएं 500 वाटर एटीएमः धामी

गर्मियों में पेयजल समस्या से निपटने के लिए हर जिले को दो वाटर टैंकर उपलब्ध कराने के निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा, चारधाम यात्रा मार्गों पर उच्च गुणवत्ता के 500 वाटर एटीएम लगाए जाएं। उन्होंने गर्मियों में किसी भी जिले में पेयजल की कमी नहीं होने देने के निर्देश देते हुए कहा कि शीघ्र ही प्रत्येक जनपद को दो-दो वाटर टैंकर उपलब्ध कराए जाएं।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने कहा, जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाए। जल जीवन मिशन में जिन घरों में नल लग चुका है, उनमें शुद्ध गुणवत्ता युक्त पेयजल सुनिश्चित किया जाए। हर घर नल, हर घर जल पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाए। पेयजल की उपलब्धता के लिए, जो व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं, उनका शीघ्रता से समाधान किया जाए।

उन्होंने जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाने और रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर कार्य करने के निर्देश दिए। सीएम धामी ने कहा, जो भी विभाग पौधारोपण कराता है, उन पौधों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की पूरी जिम्मेदारी भी संबधित विभाग की होगी। साथ ही, नलकूप एवं हैंडपंप भी जिस विभाग या संस्था द्वारा लगाए जा रहे हैं, उनके मेंटिनेंस के लिए उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाए। पेयजल, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सभी की प्राथमिकताओं में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत जलापूर्ति के लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाए। वाटर एटीएम के साथ पानी की गुणवत्ता को भी डिस्प्ले किया जाए। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि यात्रा मार्गों पर सुलभ शौचालयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता रहे। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर सचिव नितिन भदौरिया, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, उदयराज एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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