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उत्तरकाशी में मुख्यमंत्री ने पीपीई किट पहनकर की मरीजों से बात

उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। पीपीई किट पहनकर कोविड मरीजों से मिले और शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल के डाक्टर्स, नर्स तथा संबंधित स्टाफ लगातार समर्पित भाव से मरीजों की सेवा कर रहे हैं।करीब 3-4 घंटे पीपीई किट पहनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने सभी कोरोना वारियर्स की बेहतर कार्य के लिए प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कोविड केयर सेन्टर जीएमवीएन का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और मरीजों से मिले। मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय में स्थापित 200 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री रावत ने कोविड-19 वार रूम का भी निरीक्षण किया। प्रत्येक डेस्क पर कर्मियों के कार्यों की जानकारी ली।
होम आइसलेशन में रह रहे मरीजों से दूरभाष पर बात कर हालचाल जाना। ग्रामीण स्तर पर लोगों को सेम्पलिंग कराने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पारम्परिक शैली में निर्मित कलक्ट्रेट कार्यालय को भी देखा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने आयुष रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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