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अतिथि शिक्षकों को मंडल परिवर्तन का मिलेगा मौकाः डॉ. धन सिंह रावत

अपर हिमालयी क्षेत्र के विद्यालयों में न्यूनतम तीन वर्ष तक मिलेगी तैनाती

Guest teachers will get a chance to change division: Dr. Dhan Singh Rawat

देहरादून। न्यूज लाइव ब्यूरो

विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभिन्न राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक एलटी के पदों पर तैनात अतिथि शिक्षकों को मंडल परिवर्तन का मौका दिया जाएगा।

इसके साथ ही, अपर हिमालयी क्षेत्र के विभिन्न ब्लॉकों के दूरस्थ विद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष अतिथि शिक्षकों को कम से कम तीन वर्ष के लिए तैनात किया जाएगा। अतिथि शिक्षकों को मातृत्व अवकाश दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा, ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों को अनुमन्य वेतनमान भी दिया जाएगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को शासकीय आवास पर विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें उन्होंने प्रदेश के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में तैनात अतिथि शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।

समीक्षा बैठक में डॉ. रावत ने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में तैनात अतिथि शिक्षकों को मंडल परिवर्तन का मौका दिया जाएगा, ताकि अतिथि शिक्षक इच्छित मंडल में शैक्षणिक गतिविधियों के निर्वहन में मन लगाकर कार्य कर सकें।

विभागीय मंत्री ने कहा कि अतिथि शिक्षक बार-बार प्रभावित न हों, इसके लिए उन्हें उच्च हिमालयी क्षेत्र के विभिन्न ब्लॉकों के दूरस्थ विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों के सापेक्ष न्यूनतम तीन वर्ष के लिए तैनाती दी जाएगी। इसके लिए अतिथि शिक्षकों को अनुबंध पत्र के साथ ही विकल्प देना होगा।

इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अतिथि शिक्षकों को अन्य कार्मिकों की भांति मातृत्व अवकाश दिए जाने पर भी सहमति बन गई है।

विभागीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न विद्यालयों में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति से प्रभावित अतिथि शिक्षकों को उनके इच्छित स्थानों पर तैनाती देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं। इसके अलावा, जो अतिथि शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकश के दौरान विद्यालयों में शिक्षण कार्यां का निर्वहन करेंगे, उनको विभाग अनुमन्य मानदेय देगा।

बैठक में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अपर सचिव बेसिक शिक्षा एमएम सेमवाल, उप सचिव अनिल पांडेय, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक अजय नौडियाल, अपर निदेशक बेसिक रघुनाथ आर्य सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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