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उत्तराखंडः क्या दो घंटे और बढ़ सकता है सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का समय

देहरादून। नीति आयोग के उपाध्यक्ष के साथ बैठक में एक संस्था ने सुझाव दिया था कि स्कूलों में शिक्षण कार्य छह घंटे होने की वजह से सिलेबस पूरा नहीं हो पाता। बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक अकादमिक गतिविधियां भी नहीं हो पातीं। इसलिए विद्यालयों में पढ़ाई का समय निर्धारित समय से दो घंटा और बढ़ाया जाए।
एक खबर के अनुसार, नीति आयोग ने इस सुझाव को उत्तराखंड के सचिव नियोजन को भेजा है, ताकि संबंधित विभाग से इस सुझाव की व्यावहारिकता पर जानकारी मिल सके। नियोजन की ओर से शिक्षा विभाग को यह सुझाव भेजा गया है।
दरअसल, अक्तूबर माह में अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार के साथ एक बैठक में यह सुझाव दिया था। नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक सुधारों पर चर्चा के दौरान फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने कहा था कि सरकारी विद्यालयों का छह घंटे का समय सिलेबस पूरा करने तथा अन्य अकादमिक गतिविधियों के लिए कम है, इसलिए इसमें दो घंटे और वृद्धि की जानी चाहिए। इस सुझाव को शिक्षा विभाग को भेजा गया है, ताकि इसकी व्यावहारिकता की जानकारी मिल सके।
हालांकि इस बैठक में अलग अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों की ओर से रोजगार, पलायन, आर्गेनिक फार्मिंग उद्योग व औद्यानिकी के क्षेत्र को लेकर भी महत्वपूर्ण सुझाव आए थे। शासन ने संबंधित विभागों को इन सुझावों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए विभिन्न जिलों में सहकारिता और प्रतिस्पर्धात्मक स्वरूप पर काम करने तथा कृषि व उससे संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए इसे एमएसएमई से जोड़ने का सुझाव दिया गया है। वहीं, पलायन को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर क्लस्टर बनाकर गांवों के पुनर्वास व रोजगार के अवसर विकसित करने का सुझाव है। फसल चक्र, नेचुरल एग्रीकल्चर, आर्गेनिक फार्मिंग, मिट्टी की उर्वरता जांचने, फल एवं फूल तथा औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने की सलाह है। 95 ब्लाकों के एक-एक गांव को नेचुरल फार्मिंग विलेज बनाने की बात कही गई है। प्रदेश में हाई वेल्यू क्राप्स को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने की सलाह है।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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