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उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिटः अब तक ₹54550 करोड़ के निवेश पर करार

सीएम धामी ने कीं लंदन, बर्मिंघम, दिल्ली और दुबई व अबू धाबी में निवेशक समूहों के साथ बैठकें

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा, उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत पहले लंदन, बर्मिंघम, दिल्ली और अभी दुबई तथा अबू धाबी में विभिन्न निवेशक समूहों के साथ बैठकें हुई, जिसमें अब तक ₹54550 करोड़ के निवेश पर करार हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि 08-09 दिसम्बर 2023 को देहरादून में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट तक अभी तक हुए सभी करारों को धरातल पर उतारने का कार्य हो। निवेश के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और प्राथमिक सेक्टर को मजबूत बनाने वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने जो नीतियां बनाई हैं वह निवेशकों, उद्योगों एवं स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।

उन्होंने बताया, दो दिवसीय यूएई दौरे के दौरान कुल मिलाकर ₹15475 करोड़ के इन्वेस्टमेंट का एमओयू किए गए, जिसके तहत पहले दिन दुबई में ₹11925 करोड़ एवं दूसरे दिन अबू धाबी में ₹3550 करोड़ के एमओयू शामिल हैं।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अब तक ₹54550 करोड़ के निवेश पर करार हुआ है, जिसमें यूएई में ₹15475 करोड़, ब्रिटेन में ₹12500 करोड़ एवं दिल्ली के कार्यक्रमों में ₹26,575 करोड़ के एमओयू किए जा चुके हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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