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कोविड-19 पर मुख्यमंत्री ने कहा, स्थिति नियंत्रण में, पर बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता

देहरादून। उत्तराखंड के लिए यह अच्छी खबर है कि यहां लगातार पांचवे दिन भी कोरोना संक्रमण का एक भी केस सामने नहीं आया है। अभी तक प्रदेश में 35 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव मिली है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लगभग सौ घंटे में कोई नया केस सामने नहीं आया है। सात लोग ठीक होकर घर चले गए हैं। दो- तीन लोगों की ऐसी उम्मीद है कि वो भी ठीक होकर घर चले जाएंगे। इससे हम यह कह सकते हैं स्थिति नियंत्रण में हैं, लेकिन भविष्य की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।

पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमें किसी भी हालात में स्थिति को नियंत्रण में रखना हैं। हमें कोई भी सख्त कदम उठाना पड़े तो उठाएंगे। सीएम ने कहा कि मैंने पहले भी कई बार कहा कि प्रशासन को सहयोग करें। स्थिति पर नियंत्रण के लिए सामाजिक कार्य करने वाले लोगों, धर्मगुरुओं के आगे आने की आवश्यकता हैं। लंबे समय तक बहुत सतर्कता, सजगता से रहने की जरूरत है। 

उन्होंने कहा कि कई बार इस रोग के लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं और कई बार काफी दिन के बाद, एक-एक महीने बाद लक्षण सामने आ रहे हैं। बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। हम मुंह ढंक कर चलें। मास्क को एस बार यूज करन के बाद गर्म पानी से धो सकते हैं।  एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कल सुबह या आज शाम तक भारत सरकार का प्लान सामने आ जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश की जनता से आग्रह किया है कि वे अपने मुंह और नाक ढंक कर चलें। वनभूलपुरा मामले में उन्होंने कहा हमें लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए जो कुछ भी करना होगा, वो हम करेंगे उन्होंने कहा भारत सरकार की कमेटी बनी हुई है कल सुबह तक प्लान सामने आएगा।  

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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