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AIIMS Rishikesh में मरीजों को मिलेगी यह बेहतरीन सुविधा

जानकारी के लिए मरीज या तीमारदार इन्क्वायरी नंबर 8475000144 पर संपर्क कर सकते हैं

ऋषिकेश। एम्स में रोगियों के लिए एक शानदार खबर है। आयुष्मान कार्ड धारकों को अब एम्स की पंजीकरण वाली लंबी लाइन में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। एम्स अस्पताल प्रशासन ने सुविधाओं में इजाफा करते हुए अस्पताल बिल्डिंग के प्रत्येक तल पर आयुष्मान पंजीकरण काउंटर की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है।

एम्स में अभी तक भर्ती का पर्चा बनवाने और डिस्चार्ज प्रक्रिया के लिए मरीजों व उनके तिमारदारों को लंबी लाइनों में खड़ा रहना पड़ता था, लेकिन अब अस्पताल प्रशासन ने आयुष्मान कार्डधारक मरीजों के लिए प्रत्येक तल पर पंजीकरण काउंटर खोल दिए हैं। इन काउंटरों पर अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज कराने की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी। ये काउंटर चौबीस घंटे संचालित होंगे।

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने बताया, अस्पताल ब्लाॅक के तृतीय, चतुर्थ, पंचम और छठे तल पर अलग-अलग आयुष्मान काउंटर खोले गए हैं। विभिन्न वार्डों में भर्ती आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को अब एडमिशन, डिस्चार्ज और बिलिंग आदि कार्यों के लिए ग्राउंड फ्लोर पर आने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने बताया, ट्राॅमा बिल्डिंग में भी द्वितीय तल के डी ब्लाॅक में ट्राॅमा मरीजों के लिए एक अतिरिक्त आयुष्मान काउंटर कार्यरत है। जबकि, डायलिसिस मरीजों के लिए अस्पताल की चौथी मंजिल में पहले से ही एक काउंटर है। अस्पताल में इलाज सम्बन्धी विभिन्न जानकारी प्राप्त करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने पूछताछ और हेल्प डेस्क भी स्थापित की है।

कोई भी मरीज अथवा तिमारदार सप्ताह के प्रत्येक दिवस में चौबीस घन्टे कार्य करने वाले एम्स के इन्क्वायरी नंबर 8475000144 पर संपर्क कर आवश्यक जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में न्यूरो ओपीडी के निकट और ट्राॅमा बिल्डिंग के सम्मुख कोविड जांच केन्द्र स्थल के समीप ’सेवावीर हेल्प डेस्क’ भी स्थापित है।

ट्राॅमा हेल्प लाइन नंबर पर चिकित्सीय परामर्श भी मिलेगा

एम्स के ट्राॅमा हेल्प लाइन टोल फ्री नंबर 18001804278 पर अब ट्राॅमा मरीजों के लिए आपात चिकित्सीय परामर्श सुविधा भी शुरू कर दी गई है।

प्रो. मित्तल ने बताया कि उक्त टोल फ्री नंबर सप्ताह के सभी दिनों में चौबीस घंटे कार्य करता है। इस नंबर पर संपर्क कर ट्राॅमा वार्ड में भर्ती मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी, बेड की उपलब्धता, किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर घायल मरीज के तात्कालिक उपचार संबंधी मेडिकल परामर्श और डिस्चार्ज होने वाले पेशेंट टेलिमेडिसिन कन्सलटेंसी के रूप में आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने बताया, इसके अलावा एम्स के सेवावीरों के लिए पीली जैकेट का ड्रेस कोड लागू किया गया है। पीली जैकेट पहने एम्स के सेवावीर, असहाय मरीजों के मार्गदर्शन और उनकी सहायता के लिए ओपीडी टाइम के अलावा रात्रि समय में भी उपलब्ध रहेंगे।

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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