DigitalFeatured

एआई का सोशल मीडिया पर लिखा शॉर्ट आर्टिकल आपके काम का है

मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना

सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक बड़ा हिस्सा बन गया है। हम इसका उपयोग दोस्तों, परिवार और यहाँ तक कि अजनबियों से जुड़ने के लिए करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है?

सोशल मीडिया का सकारात्मक पक्ष

सोशल मीडिया के कई लाभ हैं। यह हमें प्रियजनों से जुड़े रहने, अपने अनुभव साझा करने और नई चीजें सीखने में मदद करता है। यह हमें कम अकेलापन महसूस करने और दुनिया से अधिक जुड़ने में भी मदद कर सकता है।

सोशल मीडिया का नकारात्मक पक्ष

लेकिन सोशल मीडिया का एक नकारात्मक पक्ष भी है। यह हमें चिंतित और तनावग्रस्त, अकेला और अलग-थलग, दुखी और उदास,  असुरक्षित और अपर्याप्त होना महसूस करा सकता है।

सोशल मीडिया मानसिक स्वास्थ्य को क्यों प्रभावित करता है?

सोशल मीडिया मानसिक स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकता है:

– हम अपने जीवन की तुलना दूसरों से करते हैं और महसूस करते हैं कि हम उनके बराबर नहीं हैं।
– हम नकली और अवास्तविक तस्वीरें देखते हैं जो हमें अपने बारे में बुरा महसूस कराती हैं।
– हम बहुत ज़्यादा समय अकेले बैठकर स्क्रीन को घूरते हुए बिताते हैं।
– हम साइबरबुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न का सामना करते हैं।

हम क्या कर सकते हैं?

सोशल मीडिया का स्वस्थ तरीके से उपयोग करने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

– सोशल मीडिया से ब्रेक लें और वो काम करें जो आपको पसंद हों।
– ऐसे अकाउंट फॉलो करें जो आपको अच्छा महसूस कराते हों, बुरा नहीं।
– ऑनलाइन दूसरों के साथ दयालु रहें, ठीक वैसे ही जैसे आप व्यक्तिगत रूप से करते हैं।

निष्कर्ष

सोशल मीडिया एक उपकरण है, और किसी भी उपकरण की तरह, इसका इस्तेमाल अच्छे या बुरे के लिए किया जा सकता है। संभावित जोखिमों के बारे में जागरूक होकर और अपने मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कदम उठाकर, हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल ऐसे तरीके से कर सकते हैं जो हमें नुकसान पहुँचाने के बजाय फ़ायदेमंद हो।- इनपुट मेटा एआई

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker