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तीलू रौतेली पुरस्कार पर बोले हरीश रावत, राजनीति निस्वार्थ सेवा नहीं

देहरादून। उत्तराखंड में वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कारों के लिए चयनित कुछ नामों को लेकर विवाद चल रहा है। कहा जा रहा है कि राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ी कुछ महिलाओं को भी तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की है। उन्होंने पुरस्कारों के लिए चयन का तरीका भी बताया है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष के “#तीलू रौतेली” पुरस्कार में चयनित नामों को लेकर जो विवाद हुआ है, वो चिंताजनक है। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि जो लोग चयनित हुये हैं वो पात्र नहीं थे, वो सुपात्र हो सकते हैं। मगर सक्रिय राजनैतिक पृष्ठभूमि से हैं।

रावत का कहना है, हम जो राजनैतिक पृष्ठभूमि से हैं, हमारा उद्देश्य किसी काम को करने के पीछे अपनी पार्टी को लाभान्वित करना होता है, उसे निस्वार्थ सेवा या विशुद्ध समाज सेवा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उसमें राजनैतिक सेवा जुड़ी रहती हैं।

चयन में डिजीटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल हो

उन्होंने कहा,  मैं समझता हूँ, कि इस प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना आवश्यक है या तो सक्रिय राजनीति से जुड़े हुये लोग चयनित न हों और यदि आप उनको चयनित करना चाहते हैं तो फिर आप डिजीटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करिए।

पूर्व सीएम ने कहा कि पारदर्शी प्रारूप बनाते हुये मानक तय कीजिये और ज़िला स्तर पर आवेदन स्वीकार करते हुये,आवेदनों पर जिले में ही डिजीटल माध्यम से वोटिंग करवाई जाए और वहां से जो नाम स्क्रीन होकर के आएं, उन नामों में से ही चयन किया जाए।

पुरुषों के लिए वीर माधो सिंह भंडारी पुरस्कार स्थापित करेंगे 

रावत का कहना है, मैं सोचता हूँ कि कांग्रेस की सरकार आने में हमको न केवल “तीलू रौतेली पुरस्कार” की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना चाहिए बल्कि हम पुरुषों के लिए भी “वीर माधो सिंह भंडारी पुरस्कार” स्थापित करेंगे, ताकि समाज के अंदर विशिष्ट कार्य करने की प्रवृत्ति बड़े।

रावत ने कहा कि मैंने इसलिये “#उत्तराखंड रत्न पुरस्कार” स्थापित किया था और पहले वर्ष जिन लोगों का चयन किया था, उनमें से किसी नाम पर कोई अंगुली उठने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता था और अब मैं समझता हूँ कि “समय आ गया है” जब हम उत्तराखंड में अपने किसी श्रेष्ठ खिलाड़ी के नाम पर “राज्य_खेल_रत्न_पुरस्कार” भी प्रारम्भ करें।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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