Featuredhealth

शादियों में अधिकतम 25 लोग ही शामिल हो पाएंगे, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने शादियों में अधिकतम संख्या 25 करने के निर्देश दिए। ग्रामीण बाज़ारों में भी बाज़ार खुलने के समय को ज़िलाधिकारी अपने अनुसार घटा सकते हैं।
सचिवालय में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने डोर टू डोर सर्वे के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 104 के अतिरिक्त सीएम हेल्पलाइन और पुलिस विभाग के कॉल सेंटर में फोन लाइनों की संख्या बढाई जाए।
निर्देश दिए कि कॉल सेंटर और हेल्पलाइन पूरी तरह से सक्रिय रहें और बेड, इंजेक्शन संबंधी जानकारी भी अपडेट रहे।
आक्सीजन सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के लिए हर सम्भव कोशिश की जाए। इसमें विभिन्न संगठनों, उद्योगों की सहायता भी ली जा सकती है।

कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भोजन, पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई ढिलाई न हो। इसके साथ ही छोटे-छोटे स्थानों में सेनेटाइजेशन  का काम किया जाए जहां संक्रमण की अधिक आंशका हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा, ऑक्सीजन प्लांटों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो। सभी कोविड केयर सेंटर व अस्पतालों में फायर सेफ्टी सुनिश्चित की जाए।
कोविड टेस्ट की रिपोर्ट में समय न लगे। टेस्ट होते ही तुरंत सभी को कोविड किट दिया जाए। शासन से जो भी निर्देश दिए जाते हैं, उनका प्रभावी क्रियान्वयन हो।
टेस्ट सेंटरों और वैक्सीनेशन सेंटरों में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए।
ई-संजीवनी पोर्टल को और प्रभावी बनाते हुए प्रचारित किया जाए, ताकि जन सामान्य उसका अधिक लाभ उठा सकें।
होम आइसोलेशन में रहने वालों को मालूम होना चाहिए कि उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वालों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसका पालन कड़ाई से हो।

सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की व्यवस्था को लगातार क्रास चेक कराया जाए। संबंधित मरीजों और उनके परिजनों से इसका फीड बैक लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड मरीज़ों के लिए एम्बुलेंस की दरें निर्धारित की जाएं, ताकि ओवररेटिंग जैसी शिकायत ना हों।
दवाओं के कालाबाजारी को रोकने के लिए 147 एसटीएफ टीमें बनाई गई हैं। अभिसूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए।
बॉर्डर में रजिस्ट्रेशन क्यूआर कोड रीडर के जरिए चेकिंग की जाए। कोविड कर्फ्यू में निर्माण कार्यों को छूट है इसलिए निर्माण से संबंधित सीमेंट, सरिया की दुकानों को बंद न कराएं।
बैठक में जानकारी दी गई कि बॉर्डर पर अधिकतर लोगों की कोविड नैगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हो रही है, जिनकी रिपोर्ट नहीं है उनकी भी सैंपलिंग की जा रही है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सूचना महानिदेशक रणबीर सिंह चौहान सहित वरिष्ठ अधिकारी और जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

 

Key words: COVID-19, Corona, Corona infection, Quarantine, Stay at home, Night Curfew, Immunity, Herd Immunity, Uttarakhand Government, Food habits, anti bodies, Oxygen, Oxygen bad, ICU, Hospitals in Uttarakhand, Health department Uttarakhand, Financial crisis in front of Corona Patient, Private Hospitals in Uttarakhand, Government Hospitals in Uttarakhand, Fight against Corona, Revenue Sources in Uttarakhand, Uttarakhand’s Chief Minister, Tirath Singh Rawat, Medical Stores, Medical Equipment’s used in Corona treatment, Demand of Oxygen, Oximeter, Oxygen’s cylinders, Quarantine, Isolation bad, COVID bad, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की स्थिति, ऑक्सीजन की मांग, ऑक्सीजन बेड, उत्तराखंड में सरकारी अस्पताल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, तीरथ सिंह रावत, कोरोना संक्रमण से कैसे बचें, निजी अस्पतालों में इलाज महंगा क्यों, उत्तराखंड में राजस्व के स्रोत, life support ambulance, Marriage during COVID-19, कोविड काल में शादियां, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका  

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button