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जानिये राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित कुछ खास बातें

नई दिल्ली


देश के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा की जा चुकी है। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनाव आयोग 14 जून 2017, बुधवार को अधिसूचना जारी करेगा। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून 2017 निर्धारित की गई है। नामांकन पत्रों की जांच 29 जून गुरुवार को होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 1 जुलाई शनिवार को है। अगर वोटिंग की जरूरत पड़ी तो 17 जुलाई को वोटिंग होगी और वोटों की गिनती 20 जुलाई को होगी। वोटिंग का समय सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कुछ बेहद अहम जानकारियां भी दी है।

  • राष्ट्रपति चुनाव में मतदाता पत्र यानी बैलेट पेपर से मतदान होगा।
  • निर्वाचन आयोग ने बताया कि राष्ट्रपति के लिए वोटिंग संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगी और वेटिंग बैलेट पेपर के जरिए होगी । संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय है, किसी भी स्थिति में बैलेट किसी और को दिखाना संविधान के विरुद्ध है।
  • मतदान के लिए आयोग विशेष पेन का इंतजाम करेगा। यह पेन निर्वाचन आयोग के अधिकारी द्वारा वोट डालने वाले को दिया जाएगा। सिर्फ इसी पेन से डाले गए वोट को ही माना जाएगा। इसके अलावा किसी और पेन से डाले गए वोट मान्य नहीं होंगे।
  • वोटिंग के लिए कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकती
  • कोई भी राजनीतिक दल अपने सांसदों और विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के लिए किसी भी तरह की व्हिप जारी नहीं कर सकते।
  • राष्ट्रपति का चुनाव संसद को दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी समेत सभी राज्यों के निर्वाचित विधायक वोट करते हैं। राज्यसभा, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के नामित सदस्य इस चुनाव में वोट नहीं दे सकते।
  • नामांकन के लिए 50 प्रस्तावकों और 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर जरूरी हैं।
  • राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नामांकन पेपर पर प्रस्तावकों के रूप पर कम से कम 50 निर्वाचकों और कम से कम 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर होने आवश्यक हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो उम्मीदवार का नॉमिनेशन रद्द कर दिया जाएगा। कोई निर्वाचक सिर्फ एक ही उम्मीदवार के नॉमिनेशन पेपर पर प्रस्तावक या अनुमोदक के रूप में हस्ताक्षर कर सकता है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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