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अगर कुछ नया करना चाहते हैं तो यहां जाएं

अगर अपकी रूचि कुछ नया करने यानि (इनोवेशन) में है, तो दिल्ली यूनिवर्सिटी के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर पर आप गौर कर सकते हैं। डीयू का यह सेंटर स्किल के साथ-साथ क्रिएटिविटी पर काम करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ही है। यह सेंटर अंडरग्रेजुएशन लेवल पर दो कोर्स पेश करता है, पहला बैचलर्स ऑफ टेक्नॉलोजी और दूसरा बीए ऑनर्स प्रोग्राम। दोनों के लिए एंट्रेंस से एडमिशन होता है।
यूजी लेवल पर रिसर्च : क्लस्टर इनोवेशन सेंटर के एक अधिकारी बताते हैं, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने रिसर्च पर आधारित पढ़ाई और इनोवेशन प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए यह सेंटर बनाया है। सेंटर अपने दो यूजी प्रोग्राम पर एडमिशन करता है। पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के साथ मेटा यूनिवर्सिटी के कॉन्सेप्ट पर एमएससी-मैथमैटिकल एजुकेशन प्रोग्राम भी चलाता है। सेंटर इंडस्ट्री, एकेडमिक्स और इंस्टिटयूशंस के बीच पार्टनरशिप करते हुए भी काम कर रहा है।
ऐसे होगा एडमिशन : एकेडमिक सेशन 2017-18 के लिए डीयू के इस सेंटर दो प्रोग्राम के लिए हर बार की तरह एडमिशन होगा। दोनों प्रोग्राम में एडमिशन सेंटर के एंट्रेंस एग्जाम के स्कोर पर होगा। इस हफ्ते यूनिवर्सिटी एंट्रेंस बेस्ड यूजी प्रोग्राम के लिए नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। उन 9 कोर्सेज में क्लस्टर इनोवेशन सेंटर के दो प्रोग्राम भी होंगे। एडमिशन क्राइटेरिया और सेंटर के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
बीटेक में तीन स्ट्रीम : सेंटर बैचलर्स ऑफ टेक्नॉलजी (बीटेक) का खास कोर्स ऑफ करता है, बीटेक-इन्फार्मेशन टेक्नॉलोजी एंड मैथमैटिकल इनोवेशंस। यह चार साल का प्रोग्राम सेंटर का पहला कोर्स है और इसका करिकुलम और टीचिंग मेथड खासतौर पर इनोवेशन माइंडसेट को ध्यान रखने हुए डिजाइन किया गया है। 2011 में यह कोर्स शुरू हुआ था और 2015 में इसका पहला बैच पास हुआ है। मैथ्स के जरिए मजबूत एनालिटिकल स्किल्स तैयार करना और इन्फार्मेशन टेक्नॉलोजी के ऐप्लीकेशंस स्किल्स इस कोर्स की खासियत हैं। यह कोर्स अंडरग्रेजुएट लेवल पर रिसर्च वर्क को प्रमोट करता है और इसके बाद कई स्टूडेंट्स एंटरप्रिन्योरशिप की ओर भी बढ़ते हैं। सेंटर के कोआर्डिनेटर प्रो. बी बिसवाल बताते हैं कि कोर्स की तीन स्पेशलाइजेशन स्ट्रीम है – मैनेजमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और एंबेडेड सिस्टम एंड सिस्टंस बायोलॉजी। तीनों ही एजुकेशन फील्ड के लिए स्पेशल स्ट्रीम हैं, जो कि मैथ्स और आईटी जुड़ी हैं।
क्या है क्राइटेरिया : आठ सेमेस्टर के इस कोर्स के लिए 40 सीटें हैं। मिनिमम एलिजिबिलिटी 12वीं क्लास में 60 फीसदी (चार सब्जेक्ट में, मैथ्स मिलाकर) है। इस बीटेक प्रोग्राम के लिए जेईई के जरिए एडमिशन नहीं होता है, बल्कि एडमिशन के लिए डीयू का एंट्रेंस एग्जाम होगा। इसमें मल्टीपल बेस्ड सवाल आएंगे। पेपर में मैथ्स, रीजनिंग और एनालिटिकल एबिलिटी पर आधारित सवाल पूछे जाएंगे। एंट्रेंस के स्कोर पर मेरिट लिस्ट बनेगी। इस कोर्स में आर्ट्स, कॉमर्स के स्टूडेंट्स भी अप्लाई कर सकते हैं, बस मैथ्स पढ़ी होनी जरूरी है।
बीए ऑनर्स में चार स्ट्रीम : सेंटर का दूसरा कोर्स है, बीए ऑनर्स – ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज। इस तीन साल के कोर्स के अंदर चार स्ट्रीम हैं – जर्नलिज्म, आर्ट एंड डिजाइन, हिस्टोरिकल टूरिज्म और कांउसलिंग। इनमें से कोई भी स्ट्रीम चुनकर स्टूडेंट आर्ट कम्यूनिकेशन, इनोवेशन मैनेजमेंट, लीगल लिटरेसी जैसे एरिया को एक्सप्लोर कर सकता है। इनोवेटिव आइडिया पर प्रोजेक्ट वर्क, डेमो, रूरल और सेमी रूरल इलाकों में जाकर दिक्कतें पता करके उनका हल निकालने के लिए प्रोजेक्ट्स पर काम करना इस ऑनर्स प्रोग्राम को और मजेदार बनाता है। यह कोर्स मेटा कॉलेज कॉन्सेप्ट पर डिजाइन किया गया है ताकि स्टूडेंट अपनी पसंदीदा स्ट्रीम पर काम कर सकें। इस कॉन्सेप्ट के तहत स्टूडेंट्स चार सेमेस्टर अपने मेंटर के तय किए डीयू के किसी भी कॉलेज में भी पढ़ाई करेंगे। बाकी दो सेमेस्टर की पढ़ाई नॉर्थ कैंपस में मौजूद क्लस्टर इनोवेशन सेंटर में होगी।
क्या है क्राइटेरिया : इस कोर्स के लिए 40 सीटें हैं। मिनिमम एलिजिबिलिटी 12वीं क्लास में 60 फीसदी (इंग्लिश/एमआईएल मिलाकर) है। एडमिशन के लिए एंट्रेंस होगा, जिसमें मल्टिपल बेस्ड सवाल आएंगे। पेपर में जनरल अवेयरनेस, करंट अफयर्स, जीके, लॉजिकल और एनालिटिकल एबिलिटी, कम्यूनिकेशन स्किल्स (इंग्लिश/हिंदी) पर आधारित सवाल पूछे जाएंगे। एंट्रेंस के स्कोर पर मेरिट लिस्ट बनेगी।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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