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इंसान है महान, पृथ्वी के चारों ओर बना रहा बुलबुले

वाशिंगटन


मानव की गतिविधियां पृथ्वी के भू-दृश्य को लंबे समय से प्रभावित करती रही हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हम रेडियो कम्युनिकेशंस के माध्यम से हमारे अंतरिक्ष के पर्यावरण को भी प्रभावित कर रहे हैं।

पृथ्वी के निकट पर्यावरण में इलेक्ट्रॉन व आयन का अध्ययन करने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वान एलेन प्रोब्स के मुताबिक इस तरह के कम्युनिकेशंस का प्रभाव हमारे वायुमंडल के बाहरी क्षेत्र में हो रहा है,पृथ्वी के चारों ओर बुलबुलों का निर्माण हो रहा है। एक खास तरह के कम्युनिकेशंस (बेहद कम आवृत्ति या वीएलएफ या रेडियो कम्युनिकेशंस) अंतरिक्ष में मौजूद कणों के साथ प्रतिक्रिया करते पाए गए हैं जिससे उनकी गति (कण कैसे और कहां जा रहे हैं) प्रभावित हो रही है। वेस्टफोर्ड मैसाचुसेट्स में मैसाचुसेट्स इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के सहायक निदेशक फिल एरिक्सन ने कहा,कई तरह के परीक्षण व अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि सही हालात में वीएलएफ फ्रीक्वेंसी रेंज में रेडियो कम्युनिकेशंस सिग्नल वस्तुतपृथ्वी के चारों ओर उच्च-ऊर्जा विकिरण के गुणों को प्रभावित करता है। नासा के वान एलेन प्रोब्स ने भी पृथ्वी की काफी ऊंचाई से अंतरिक्ष में इन बुलबुलों को देखा है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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