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हरीश रावत ने सतपाल महाराज से सीखा, कैसे बनाएं मैथी का अचार

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात को साझा किया

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, सतपाल महाराज राजनीतिज्ञ या धर्म पुरुष ही नहीं हैं, बल्कि आयुर्वेद से लेकर खान-पान, नेचुरोपैथी आदि में भी उनका जबरदस्त दखल है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री से चटनी शास्त्र का ज्ञान लिया है, विशेष तौर पर मैथी का अचार कैसे बनाया जा सकता है या मैथी की चटनी कैसे बनाई जा सकती है।

हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कैबिनेट मंत्री से मुलाकात का जिक्र किया। रावत लिखते हैं, मैं कोरोना संक्रमण के बाद समय-समय पर इनफेक्शंस का शिकार हो रहा हूं, कोई न कोई इन्फेक्शन मुझे रूग्ण कर दे रहा है। सतपाल महाराज जी के पास इस तरीके की रुग्णता के इलाज की कई जानकारियां हैं।

रावत ने कहा, वो (सतपाल महाराज) एक राजनीतिज्ञ या धर्म पुरुष ही नहीं हैं, बल्कि आयुर्वेद से लेकर खान-पान, नेचुरोपैथी आदि में भी उनका जबरदस्त दखल है। मुझे इसकी जानकारी है तो एक विवाह समारोह में उनसे मिला था। वहां थोड़ी बात हुई थी। मधुमक्खियां कुछ ऐसा शहद तैयार करती हैं, जिससे इन्फेक्शन आदि कई बीमारियों का इलाज निकलता है तो उस संदर्भ में बातचीत करने के लिए सतपाल महाराज जी के दर्शनार्थ गया था, बहुत उपयोगी बातचीत हुई।

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, कैसे मधुमक्खी पालन को हम अपने पर्यटन का आधार बना सकते हैं, जिसमें पद्म के वृक्षों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में जामुन और पर्वतीय क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार के पुष्पों पर आधारित शहद आदि सब पर सतपाल महाराज से बातचीत हुई।

रावत ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, शहद में मेरी भी दिलचस्पी रही है, क्योंकि मधुमक्खी पालन पर मैंने काफी अध्ययन किया है, क्योंकि ये रोजी रोटी के लिए हमारे जैसे राज्य के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है तो उस पर हमारी बड़ी गहरी बातचीत हुई और साथ-साथ चटनी में महाराज की दिलचस्पी और जानकारियां, मैं जानता हूं खान-पान के वह विशेषज्ञ हैं, मगर चटनी शास्त्र में भी उनका इतना गहरा दखल है, यह पहली बार मुझको जानने को मिला। खैर कभी जीवन में उनसे चटनी शास्त्र का जो ज्ञान लिया है, विशेष तौर पर मैथी का अचार कैसे बनाया जा सकता है या मैथी की चटनी कैसे बनाई जा सकती है, इसका मैं उपयोग कर लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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