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उत्तराखंड में महिलाओं की मदद के लिए डायल 181 जल्द

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हरीश रावत, मुख्यमंत्री

उत्तराखंड सरकार जल्द ही महिला हेल्प लाइन 181 शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अफसरों की बैठक में हेल्प लाइन की समीक्षा करते हुए हेल्पलाइन के संबंध में आदेश दिए। मुख्यमंत्री रावत ने अफसरों ने कहा कि इस हेल्प लाइन को जल्द शुरू करके कम से कम समय में शिकायतों पर कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए। अगर मुख्यमंत्री के निर्देशों पर अमल हुआ तो हेल्प लाइन 181 पर महिलाओं को ये मदद मिल सकेगी।

जानिये क्या है हेल्प लाइन 181

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  • अगर महिलाओं को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से लाभ मिलने में कोई दिक्कत हो रही है तो 181 पर शिकायत कर सकेंगी।
  • हिंसा और उत्पीड़न की शिकायतें भी इस नंबर पर की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने समस्याओं का निस्तारण तय समय में करने के निर्देश दिए हैं।
  • इस योजना से महिला अधिकारियों, समाजसेवी महिलाओं और स्थानीय महिला जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाएगा।
  • पहले से चल रहीं हेल्पलाइनों 1090, 108 आदि को इस नई महिला हेल्पलाइन 181 के साथ जोड़ा जाएगा।
  • इस तरह का सिस्टम बनाया जाएगा जिससे एक हेल्पलाइन का नंबर व्यस्त रहने पर काॅल दूसरी हेल्प लाइन नंबर पर आॅटोमेटिकली ट्रांसफर होगा।
  • हेल्पलाइन का गांव-गांव प्रचार किया जाएगा। जगह-जगह जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इस हेल्प लाइन की जानकारी मिल सके।

आंगनबाड़ी केंद्रों में लगेंगे आरओ

रावत ने अफसरों से कहा कि राज्य सरकार ने कई योजनाएं, महिला कल्याण व महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की हैं। इन सभी योजनाओं का लाभ महिलाओं को उनके अधिकार के तौर पर मिलना चाहिए।  मुख्यमंत्री रावत ने यूपीसीएल, यूजेवीएनएल व पिटकुल के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने लाभ में से 11 करोड़ रुपये महिला सशक्तिकरण के लिएउपलब्ध कराएं। आंगनबाड़ी केंद्रों में आरओ और वाटर फिल्टर लगाने में इस राशि का उपयोग किया जाएगा। 

मध्य प्रदेश में है सीएम हेल्पलाइन 181

 मध्यप्रदेश में जन-समस्या निराकरण की दिशा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो साल पहले सीएम हेल्पलाइन 181 शुरू की है। इसका उद्देश्य प्रदेश की शासन व्यवस्था को अधिक दुरुस्त करना है। इससे प्रदेश के विभागों के पांच हजार अधिकारी-कर्मचारियों को जोड़ा गया है। हेल्पलाइन के टोल फ्री नम्बर 181 से जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।कोई भी अपने मोबाइल या टेलीफोन से 181 डायल कर अपनी बात प्रशासन तक पहुंचा सकता है।

यहां भी काम कर रही 181 हेल्प लाइन

गुजरात में जीवीके ईएमआरआई के सहयोग से राज्य के महिला और बाल कल्याण तथा गृह विभाग महिला अभयम् हेल्प लाइन सेवा 181 चला रहे हैं। इसमें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज का सहयोग भी लिया गया है। 24 घंटे उपलब्ध इस टोल फ्री नंबर पर महिलाएं अपनी समस्या या शिकायत बता सकती हैं। बिहार और झारखंड में हेल्पलाइन नंबर 181 महिला विकास निगम की पहल है। महिलाओं से नाम, पता एवं समस्याओं के बारे में पूछा जाता है। इसके बाद स्थानीय हेल्पलाइन को इसकी सूचना दी जाती है। तब कार्रवाई शुरू होती है। हेल्पलाइन नंबर 181 के तहत नौ सदस्यों की टीम काम करती है।

 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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