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गौरादेवी कन्या धन योजनाः जानिये बिटिया पात्र है या नहीं 

  • गौरा देवी कन्याधन अनुदान योजना के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में निवास कर रहे अनुसूचित जाति , अनुसूचित जन जाति और गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की ऐसी बालिकाएँ जो राज्य में स्थित केंद्र सरकार/राज्य सरकार के मान्यता प्राप्त बोर्ड के अधीन किसी विद्यालय में इंटरमीडिएट कक्षा की छात्रा हों। ये छात्राएं अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र भेज सकती हैं | योजना के लिए आवेदन करने से पहले ये नियम जान लीजिए। 

    गौरादेवी कन्याधन योजना का लाभ एक परिवार (एक दम्पति) की अधिकतम दो पुत्रियों को ही मिल सकता है। इस योजना में गरीबी की रेखा से नीचे निवास कर रहे परिवारों की बालिकाओं और अनुसूचित जाति की बालिकाओं के लिए इण्टरमीडिएट परीक्षा पास करने पर पचास हजार की राशि स्वीकृत की जाती है।


    संस्थागत और व्यक्तिगत परीक्षा पास दोनों ही प्रकार की बालिकाएं योजना की पात्र होंगी, लेकिन व्यक्तिगत परीक्षा पास करने वाली छात्रा अविवाहित होनी चाहिए। उसकी आयु अनुदान स्वीकृत होने के वर्ष की 01 जुलाई को 25 वर्ष से अधिक नही होनी चाहिए । पूर्ण कालिक/ अंश कालिक रूप से सेवायोजित छात्रा इस सुविधा की पात्र नहीं होगी।


    गौरादेवी कन्याधन योजना के अन्तर्गत ग्रामीण, शहरी क्षेत्र में बीपीएल अथवा ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय 15976 तथा शहरी क्षेत्र में 21206 रुपये से अधिक नहीं हो। वार्षिक आय प्रमाण पत्र राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी का होना चाहिए। राजस्व अधिकारी तहसीलदार स्तर से कम नहीं होना चाहिए। बीपीएल श्रेणी को आय प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी।


    गौरादेवी कन्याधन योजना के आवेदन पत्र संबंधित विद्यालय, जहां से बालिका ने इंटर परीक्षा उत्तीर्ण की हो, संबंधित जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय, जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय,संबंधित विकास खंड अधिकारी कार्यालय में तैनात सहायक समाज कल्याण अधिकारी से निशुल्‍क ले सकते हैं।


    आवेदन पत्र के साथ छात्रा की तीन फोटो, आईडी, परिवार रजिस्टर की नकल, इन्टरमीडिएट उत्तीर्ण की अंकतालिका, आयु सम्बन्धी प्रमाणपत्र ( हाईस्कूल उत्तीर्ण अंक तालिका के अनुसार) तथा बीपीएल क्रमांक या आय प्रमाण पत्र होना जरूरी है। आय प्रमाण पत्र वर्तमान वर्ष का होने चाहिए और 6 माह से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए | केवल तहसीलदार द्वारा प्रमाणित आय पत्र ही मान्य होगा |


    गौरादेवी कन्याधन योजना के अंतर्गत धनराशि स्वीकृति होने के बाद लाभार्थी के नाम से कोर बैंकिंग बैंक शाखा में 3 से 5 साल की 50,000 की फिक्स्ड डिपॉजिट बनवाई जाएगी |


    छात्रवृत्ति आवेदन पत्र का प्रारूप भरने के बाद , अनिवार्य दस्तावेज के साथ स्कूल के प्रधानाचार्य के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।


    गौरादेवी कन्याधन योजना के अन्तर्गत आवेदन पत्र जमा करने की अन्तिम निर्धारित तिथि कैलेन्डर वर्ष की 30 सितम्बर है। निर्धारित तिथि 30 सितम्बर के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों पर कोई विचार नही किया जाएगा ।


    गौरादेवी कन्याधन योजना के आवेदन पत्र संबंधित विकास खंड कार्यालय या सहायक समाज कल्याण अधिकारी के पास 30 सितम्बर तक जमा किए जा सकते हैं।


    जिसने राज्य में स्थित केन्द्र सरकार /राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड के अधीन किसी विद्यालय से इंटर या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो वही बालिका पात्र होगी। प्रदेश से बाहर अन्य प्रदेशों से इन्टर उत्तीर्ण बालिका इस प्रदेश से इस योजना के लिए पात्र नहीं होगी।


    For more information:escholarship.uk.gov.in/frmGauradeviDefault.aspx

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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