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कोरोना वायरस से जंगः प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ का राहत पैकेज

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘कोरोना वायरस’ के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद करने के उद्देश्‍य से आज गरीबों के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि ‘आज किए गए विभिन्‍न उपायों का उद्देश्य निर्धनतम लोगों के हाथों में भोजन एवं पैसा देकर उनकी हरसंभव मदद करना है, ताकि उन्‍हें आवश्यक आपूर्ति या वस्‍तुओं को खरीदने और अपनी अनिवार्य जरूरतों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।’

कोविड-19 से लड़ने के लिए सरकार ने ये उपाय किए-

‘कोविड-19’ से लड़ने वाले प्रत्‍येक स्वास्थ्य कर्मी को बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये का बीमा कवर।
80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक हर माह 5 किलो गेहूं या चावल और पसंद की 1 किलो दालें मुफ्त।
20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को अगले तीन महीने तक हर माह 500 रुपये मिलेंगे।
मनरेगा के तहत मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये प्रतिदिन कर दी। 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे।
3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, गरीब विधवाओं व गरीब दिव्‍यांगजनों को 1,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
सरकार वर्तमान ‘पीएम किसान योजना’ के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में 2,000 रुपये डालेगी, 8.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
केंद्र सरकार ने निर्माण श्रमिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को ‘भवन और निर्माण श्रमिक कल्याण कोष’ का उपयोग करने के आदेश दिए हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं: —

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज

सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना का प्रावधान किया गया है। सफाई कर्मचारी, वार्ड-ब्‍वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, सहायक स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी (पैरामेडिक्स), टेक्निशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत बीमा कवर पाएंगे।

कोविड-19 मरीजों का इलाज करते समय किसी भी स्वास्थ्य प्रोफेशनल के साथ दुर्घटना होने पर उन्हें योजना के तहत 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। इस महामारी से लड़ने के लिए लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मि‍यों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना

भारत सरकार अगले तीन महीनों के दौरान इस विपत्ति की वजह से खाद्यान्नों की अनुपलब्धता के कारण किसी को भी, विशेषकर किसी भी गरीब परिवार को कष्‍ट नहीं होने देगी। 80 करोड़ व्यक्तियों, अर्थात, भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। इनमें से प्रत्येक व्‍यक्ति को अगले तीन महीनों के दौरान मौजूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्‍न दिया जाएगा। यह अतिरिक्त अनाज मुफ्त में मिलेगा।

दालें: उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, अगले तीन महीनों के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्‍येक परिवार को 1 किलो दालें दी जाएंगी। ये दालें भारत सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाएंगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत

किसानों को लाभ: 2020-21 में देय 2,000 रुपये की पहली किस्त अप्रैल 2020 में ही ‘पीएम किसान योजना’ के तहत खाते में डाल दी जाएंगी। इसमें सात करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नकद राशि का हस्तांतरण:

गरीबों की मदद: कुल 40 करोड़ पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को अगले तीन महीनों के दौरान प्रति माह 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

गैस सिलेंडर: पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीनों में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।

संगठित क्षेत्रों में कम पारिश्रमिक पाने वालों की मदद: 100 से कम कामगारों वाले प्रतिष्‍ठानों में प्रति माह 15,000 रुपये से कम पारिश्रमिक पाने वालों को अपना रोजगार खोने का खतरा है। इस पैकेज के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों के दौरान उनके पीएफ खातों में उनके मासिक पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव किया है। इससे उनके रोजगार में व्यवधान या खतरे को रोका जा सकेगा।

वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक), विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए सहायता : ऐसी लगभग 3 करोड़ वृद्ध विधवाएं और दिव्यांग श्रेणी के लोग हैं, जो कोविड-19 की वजह से उत्‍पन्‍न हुए आर्थिक व्यवधान के कारण असुरक्षित हैं। सरकार अगले तीन महीनों के दौरान कठिनाइयों से निपटने के लिए उन्हें 1,000 रुपये देगी।

मनरेगा: ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1 अप्रैल, 2020 से मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ने से प्रत्‍येक श्रमिक को सालाना 2,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा। इससे लगभग 62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे।

स्वयं सहायता समूह: 63 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से संगठित महिलाएं 85 करोड़ परिवारों को आवश्‍यक सहयोग देती हैं।

ए. जमानत (कोलैटरल) मुक्त ऋण देने की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी।

पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत अन्य उपाय

संगठित क्षेत्र: कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल किया जाएगा जिसे ध्‍यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिक, इनमें से जो भी कम हो, प्राप्‍त करने की अनुमति दी जाएगी।
ईपीएफ के तहत पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण कोष: ‘भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याण कोष’ केंद्र सरकार के एक अधिनियम के तहत बनाया गया है। कोष में लगभग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं। राज्य सरकारों को इस कोष का उपयोग करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे, ताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलों से बचाने के लिए आवश्‍यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें।

जिला खनिज कोष: राज्य सरकार से जिला खनिज कोष (डीएमएफ) के तहत उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने को कहा जाएगा, ताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा परीक्षण (टेस्टिंग), स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यकताओं की पूरक एवं संवर्धित या बढ़ी हुई सुविधाओं का इंतजाम किया जा सके और इसके साथ ही इस महामारी की चपेट में आए मरीजों का इलाज भी हो सके।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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