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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने स्वतंत्रता सेनानियों व राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। गणतंत्र दिवस पर पूर्व संध्या पर संदेश में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान के निर्माण का एक उत्सव है। आज के दिन देश में बाबा साहेब अम्बेडकर के दिशा निर्देशन में बनाए गए संविधान को लागू किया गया था। तब से यह अनूठा संविधान हमारे राष्ट्र को गौरव के शिखर तक ले जाने में निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। इसके साथ ही यह एक अवसर है, जब हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेना चाहिए।
भारतीय संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में अधिकार प्रदान किए हैं। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के साथ ही हमारा प्रदेश भी निरंतर विकास की सीढ़ियां चढ़ रहा है। हमने राज्य के विकास और पारदर्शी शासन पर फोकस किया है। हमारी सरकार ने ‘बातें कम, काम ज्यादा’ के मूलमंत्र को अपनाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने से लेकर डोबराचांठी पुल, जानकीपुल समेत तमाम बुनियादी सुविधाओं के लोकार्पण किए गए हैं। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नीतियां बनाई गईं। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार और मुख्यमंत्री स्वरोजगार जैसी योजनाओं से युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाए गए।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में ग्रोथ सेंटर्स की स्थापना की गई हैं। पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत राज्य में सड़कों का जाल बिछाया गया। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए हर ब्लॉक में दो यानि कुल 190 आदर्श विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। अटल आयुष्मान योजना के तहत राज्य के हर परिवार को पांच लाख रुपये तक के इलाज की निशुल्क सुविधा मुहैया करवाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस नदियों और जलस्रोतों के पुनर्जीवन पर भी है। इसके अलावा सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया, महिला सशक्तीकरण पर ध्यान दिया, किसानों, नौजवानों और व्यापारियों की समस्याओं का समाधान किया।
यह प्रयास किया गया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भेदभाव किए बगैर सभी जाति-धर्मों के पात्र लोगों तक पहुंचे। बीते साल विश्वव्यापी महामारी का प्रकोप रहा, जिसका आप सभी के सहयोग से योजनाबद्ध तरीके से डटकर मुकाबला किया गया।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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