Uttarakhand

मदरसू स्कूल ने निकाली विश्व शांति रैली

देहरादून। देहरादून जिले के बिन्हार क्षेत्र के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मदरसू के छात्र-छात्राओं ने क्षेत्र में विश्व शांति दिवस पर रैली निकाली। रैली को प्रिंसिपल आरपी अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली के दौरान छात्रों ने शांति के संदेशों को प्रदर्शित की जाने वाली तख्तियां लेकर नारे लगाए।

रैली में शामिल बच्चों ने विश्व में शांति बनाए रखने के लिए जागरूकता का संदेश दिया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य अग्रवाल ने बताया कि रैली के माध्यम से समाज विरोधी कुरीतियों को दूर करने, आपसी भाईचारे और विश्वबंधुत्व की भावना को बढ़ाने का संदेश दिया गया।

इस दौरान वरिष्ठ शिक्षक आरके वर्मा ने हिरोशिमा नागासाकी का उदाहरण देते हुए कहा आज विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि उसके गलत उपयोग से पूरे विश्व में विनाश की स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए बच्चों के माध्यम से रैली निकालकर लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया गया है। सबको आपस में मिल जुलकर रहते हुए भाईचारा कायम रखना होगा। इस अवसर पर मन्जू कुकरेती, राजीव कुमार, अशोक काम्बोज, सन्तोष कुमार आदि उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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